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Showing posts from August, 2022

ब्लॉग पर लिखा गया हमारा हर एक लेख अपने आप में निरर्थक सा लग सकता है, कि इतने बड़े सौर मंडल में, इतने बड़े ब्रह्मांड में, ७ अरब जनसंख्या वाले विश्व में, एक छोटे से इंसान का छोटा सा भावनात्मक अनुभव।By वनिता कासनियां पंजाब ? अमेरिका या किसी यूरोपीय देश के मल्टीस्टोरी बिल्डिंग के किसी सर्वर में “बीप-बीप” की आवाज़ के साथ सहेज दी गई।यह अनुभव इस ब्रह्मांड के किसी कोने में पड़ी हुई है।पर यह छोटा सा काम, एक यूँ हीं लिख दिया गया शब्दों का समूह, कल्पना कीजिए कि धरती पर सभ्यता समाप्त हो जाए और कोई एलिएन सभ्यता आए, सर्वर में पड़े डेटा को निकाल कर यह खोज करे कि ब्रह्मांड में हम अकेले नहीं थे, जीते-जागते लोग यहाँ थे जिन्होंने कविताएँ, कहानियाँ, शायरी और न जाने क्या-क्या लिखा है।तो बटरफ़्लाई इफ़ेक्ट एक छोटे से घटना, मासूम घटना, को वृहत समय के पैमाने पर बड़े बदलाव को जन्म देने के बारे में है।उदाहरण के लिए लोरेंट्ज जिन्होंने इस प्रभाव को पहली बार खोजा, एक मेन्फ़्रेम कम्प्यूटर की मदद से मौसम की भविष्यवाणी करना चाहते थे उन्होंने हीट फ़्लो के अवकलन समीकरण के मोडल बनाए और सिस्टम में डेटा फ़ीड किया ,डेटा का प्रिंटआउट ले कर वे दुबारा सिम्यूलेशन को लम्बे समय तक रन करना चाहते थे ।जैसे ही उन्होंने प्रिंट डेटा को उसी मोडल में फिर से फ़ीड किया, वे अवाक रह गए क्योंकि कम्प्यूटर इस बार बिल्कुल नए मौसम पैटर्न की भविष्यवाणी कर रहा था।बाद में उन्होंने देखा कि प्रिंटर शुरुआती डेटा के दशमलव के स्थानों को काट दे रहा था उदाहरण के लिए ०.५०३६७९८ को प्रिंटर काट कर ०.५०३ कर दे रहा था, और इस छोटे से परिवर्तन की वजह से पूरा मौसम का पैटर्न ही बदल जा रहा था ।उत्सुकतावश उन्होंने दो डेटा बिंदुओं में हलके से परिवर्तन के साथ सिम्यूलेशन को फिर से रन किया और पाया कि फ़ेज़ स्पेस में दोनों बिंदु शुरू में नज़दीक होते हुए भी बिल्कुल दूर चले जा रहे थे ।उन्हें कुछ ऐसा पैटर्न दिखाई दिया :फिर ऐसा :तो कभी ऐसा :कहने का अर्थ है कि डेटा पोईँट के प्रारंभिक बिंदु में हल्का सा परिवर्तन फ़ेज़ स्पेस में उनके गति को पूर्णतः बदल दे रहा था।तो हर एक केओटिक सिस्टम, यानी ऐसे सिस्टम जो बटरफ़्लाई प्रभाव दिखाते हैं, का यह एक गुण है “प्रारम्भिक स्थिति पर अतिसंवेदनशील निर्भरता” इतनी संवेदनशील की यदि दो डेटा पोईँट के बीच प्रारम्भ में सिर्फ़ ०.००००१ सेंटीमीटर की दूरी है तो बाद में यह दूसरी बढ़ कर १० सेंटीमीटर या अनंत भी हो सकती है जबकि वे दोनों पोईँट एक ही मोडल में फ़िट किए गए हैं।तो बटरफ़्लाई प्रभाव का जन्म इसी “लॉरेंट्ज़ अट्ट्रैक्टर” नामक मोडल से आया जहाँ यह बटरफ़्लाई शब्द इस तरफ़ इशारा करता है कि बटरफ़्लाई के पंख हिलने से यदि हवा के दबाव में एक यूनिट का भी परिवर्तन आया तो कुछ समय या महीनों बाद यह प्रशांत महासागर में अति निम्न दबाव का का क्षेत्र यानी टॉर्नेडो भी पैदा कर सकता है।यहाँ “अट्रैक्टर” से अर्थ चित्र में दिख रहे उन दो (या एक) बिंदुओं से है जिनके इर्द गिर्द डेटा पोईंट्स चक्कर लगा रहे होते हैं, पुनः -पुनः वापिस आते हैं।इनके चक्कर लगाने के कुछ रास्ते यानी “ओर्बिट्स” स्थायी हैं मतलब अनंत की ओर नहीं भाग जाते, अट्ट्रैक्टर के जद में ही रहते हैं, और कुछ ऑर्बिट अस्थायी हैं, जहां डेटा पाइंट्स अनंत मान ले कर अट्ट्रैक्टर से हमेशा के लिए दूर चले जाते हैं।सौर मंडल जैसे केआटिक निकाय में इसका अर्थ है हो सकता है कि सौर मंडल में कोई ग्रह अपनी परिक्रमा कक्ष छोड़ कर अनंत अंतरिक्ष में विलीन हो जाए।या ओपरेशन टेबल पर पड़े मरीज़ के दिल के डेटा के परिप्रेक्ष्य में अस्थायी ऑर्बिट में जाने का अर्थ है “कार्डियक ऐरिथ्मिया” दिल असामान्य रूप से तेज़ी से धड़कना शुरू हो जाए ।क्योंकि मानव हृदय भी एक केआटिक सिस्टम है यह साबित हो चुका है।अभी तक के लेख से आपको अंदाज़ा हो गया होगा कि हालाँकि यह प्रभाव मौसम विज्ञान के संदर्भ में पहली बार खोजा गया पर इसके उपयोग मेडिकल फ़ील्ड से ले कर एंजिनियरिंग, हाईड्रोडायनामिक्स, ऐस्ट्रनामि, संगीत, कला, जैसे कई क्षेत्र में हैं।आख़िर में आप ने देखा होगा कि नल को धीरे से चालू करने पर पानी पहले तो सीधी रेखा में, फिर आड़ी तिरछी, और एक दम से खोलने पर केआटिक पैटर्न में बदल जाता है, यह पानी के कणों के गति में स्टेबल और अनस्टेबल ऑर्बिट जैसे पैटर्न की तरफ़ इशारा करता है।फ़ेज़ स्पेस में प्रारम्भ में अत्यंत नज़दीक दो बिंदुओ के साथ क्या हो सकता है इसके लिए यह विडियो देखिए :,यही प्रारम्भिक स्थित के प्रति अतिसंवेदनशीलता है , यानी शुरू में तीसरे अक्ष पर सिर्फ़ ०.०५ यूनिट की दूरी है लेकिन बाद में डेटा बिल्कुल अलग स्टेबल ऑर्बिट में होते हैं , कई बार अलग अट्ट्रैकर की तरफ़ आकर्षित होते हुए देखे जा सकते हैं ।

ब्लॉग पर लिखा गया हमारा हर एक लेख अपने आप में निरर्थक सा लग सकता है, कि इतने बड़े सौर मंडल में, इतने बड़े ब्रह्मांड में, ७ अरब जनसंख्या वाले विश्व में, एक छोटे से इंसान का छोटा सा भावनात्मक अनुभव। By वनिता कासनियां पंजाब ? अमेरिका या किसी यूरोपीय देश के मल्टीस्टोरी बिल्डिंग के किसी सर्वर में “बीप-बीप” की आवाज़ के साथ सहेज दी गई।यह अनुभव इस ब्रह्मांड के किसी कोने में पड़ी हुई है। पर यह छोटा सा काम, एक यूँ हीं लिख दिया गया शब्दों का समूह, कल्पना कीजिए कि धरती पर सभ्यता समाप्त हो जाए और कोई एलिएन सभ्यता आए, सर्वर में पड़े डेटा को निकाल कर यह खोज करे कि ब्रह्मांड में हम अकेले नहीं थे, जीते-जागते लोग यहाँ थे जिन्होंने कविताएँ, कहानियाँ, शायरी और न जाने क्या-क्या लिखा है। तो बटरफ़्लाई इफ़ेक्ट एक छोटे से घटना, मासूम घटना, को वृहत समय के पैमाने पर बड़े बदलाव को जन्म देने के बारे में है। उदाहरण के लिए लोरेंट्ज जिन्होंने इस प्रभाव को पहली बार खोजा, एक मेन्फ़्रेम कम्प्यूटर की मदद से मौसम की भविष्यवाणी करना चाहते थे उन्होंने हीट फ़्लो के अवकलन समीकरण के मोडल बनाए और सिस्टम में डेटा फ़ीड किया ,डेटा...

चूना से कौन-कौन सी बीमारी खत्म होती है? By वनिता कासनियां पंजाब चुना का सेवन हमे कई तरह की बिमारियों से बचाता है। आयुर्वेद की माने तो चुना खाना हमारे शरीर के लिए बहुत फायदेकारक होता है। चुना का साइंटिफिक नाम कैल्शियम कार्बोनेट है। चाहे आपको घुटने का दर्द हो या पीलिया या फिर कमर का दर्द हो ये आपके लिए हर तरह से फायदेमंद है।आइये जानते है इसके अन्य फयदों के बारे में :यह कैल्शियम से भरपूर होता है जो हमारे हड्डियों के लिए बहुत फायदेमंद है।यह हमारे मसूड़ों में दर्द को कम करता है और दाँतों के लिए भी बहुत उपयोगी है।अगर आपके दांतों में ठंडा गरम हो रहा है तो चुना के इस्तेमाल करें ठंडा गर्म लगाना बंद हो जाएगा।इसका सेवन बच्चों के लिए बहुत फायदेमंद है।हम सब जानते है चुना में भरपूर मात्रा में कैल्शियम होता है। अगर आप अपने बच्चों को पानी में थोड़ा सा चुना मिला के रोज सेवन कराती हैं तो उनके दाँत ठीक से निकलेंगे और उनके दाँत निकलने में ज्यादा दिक्कत भी नहीं होगी।अगर आप एनीमिया से पीड़ित है तो चूना को अनार के रस के साथ मिलाकर पियें। इससे खून की कमी बहुत जल्दी ही पूरी हो जाती है |अगर आपको हड्डियों के दर्द की शिकायत रहती है तो चुना का सेवन आपके लिए बहुत फायदेमंद हो सकती है।आपको पता है कि अगर हड्डी टूट जाए तो उसे जोड़ने के लिए भी चुना का इस्तेमाल किया जाता है क्यूँकि टूटी हुई हड्डी को जोड़ने की ताकत सबसे ज्यादा चूने में होती है।गर्भवती महलाओं के बारे में तो हम भूल ही गए।उनको कैल्शियम कि जरुरत सबसे ज्यादा होती है। आगे का आप जानते है चुना में कैल्शियम बहुत होती है आप समझ गए ना !नोट: ऊपर दिये गये सभी जानकारी केवल सूचना के उद्देश्य से है क्योंकि सभी की अलग-अलग शारीरिक क्षमताएं होती हैं और सहन करने की ताकत भी। साथ ही, किसी भी चीज की ओवरडोज स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकती है। इसलिए, कोई भी कार्रवाई करने से पहले किसी विशेषज्ञ से परामर्श करना उचित होगा।

चूना से कौन-कौन सी बीमारी खत्म होती है? By  वनिता कासनियां पंजाब चुना का सेवन हमे कई तरह की बिमारियों से बचाता है। आयुर्वेद की माने तो चुना खाना हमारे शरीर के लिए बहुत फायदेकारक होता है।  चुना का साइंटिफिक नाम कैल्शियम कार्बोनेट है । चाहे आपको घुटने का दर्द हो या पीलिया या फिर कमर का दर्द हो ये आपके लिए हर तरह से फायदेमंद है। आइये जानते है इसके अन्य फयदों के बारे में : यह कैल्शियम से भरपूर होता है जो हमारे हड्डियों के लिए बहुत फायदेमंद है। यह हमारे मसूड़ों में दर्द को कम करता है और दाँतों के लिए भी बहुत उपयोगी है। अगर आपके दांतों में ठंडा गरम हो रहा है तो चुना के इस्तेमाल करें ठंडा गर्म लगाना बंद हो जाएगा। इसका सेवन बच्चों के लिए बहुत फायदेमंद है। हम सब जानते है चुना में भरपूर मात्रा में कैल्शियम होता है। अगर आप अपने बच्चों को पानी में थोड़ा सा चुना मिला के रोज सेवन कराती हैं तो उनके दाँत ठीक से निकलेंगे और उनके दाँत निकलने में ज्यादा दिक्कत भी नहीं होगी। अगर आप एनीमिया से पीड़ित है तो चूना को अनार के रस के साथ मिलाकर पियें। इससे खून की कमी बहुत जल्दी ही पूरी हो जाती है | अगर आपक...

अन्य ग्रहों से सूर्य कैसा दिखता है? By वनिता कासनियां पंजाब बुध ग्रह -यहाँ की सतह से पृथ्वी की तुलना में सूर्य 3 गुना ज्यादा बड़ा दिखाई देता है।शुक्र ग्रह- यहाँ का वातावरण बहुत घना है इसलिए सूर्य डीम्ड दिखाई देता है।पृथ्वी ग्रह- यहाँ से 15 करोड़ किमी दूर है सूर्य।मंगल ग्रह- यहाँ पृथ्वी की तुलना में सूरज छोटा दिखाई देता है।बृहस्पति ग्रह- यूरोपा की सतह से सूरज, वो क्या है ना कि बृहस्पति पर ठोस जमीन नहीं है।शनि ग्रह- पृथ्वी की तुलना में यहाँ सूर्य की रोशनी 100 गुना कम रहती है।यूरेनस ग्रह- यूरेनस के उपग्रह एरियल से सूर्यनेपच्यून ग्रह- इसके उपग्रह ट्राइटन से सूर्यप्लूटो क्षुद्रग्रह- यहाँ सूर्य की रोशनी पृथ्वी की तुलना में 1600 गुना कम पहुंचती है।उपरोक्त चित्र वर्जिनिया के आरेखक रोन मिलर द्वारा 10 साल के रिसर्च के बाद तैयार किया गया है।

अन्य ग्रहों से सूर्य कैसा दिखता है? By वनिता कासनियां पंजाब बुध ग्रह -यहाँ की सतह से पृथ्वी की तुलना में सूर्य 3 गुना ज्यादा बड़ा दिखाई देता है। शुक्र ग्रह- यहाँ का वातावरण बहुत घना है इसलिए सूर्य डीम्ड दिखाई देता है। पृथ्वी ग्रह- यहाँ से 15 करोड़ किमी दूर है सूर्य। मंगल ग्रह- यहाँ पृथ्वी की तुलना में सूरज छोटा दिखाई देता है। बृहस्पति ग्रह- यूरोपा की सतह से सूरज, वो क्या है ना कि बृहस्पति पर ठोस जमीन नहीं है। शनि ग्रह- पृथ्वी की तुलना में यहाँ सूर्य की रोशनी 100 गुना कम रहती है। यूरेनस ग्रह- यूरेनस के उपग्रह एरियल से सूर्य नेपच्यून ग्रह- इसके उपग्रह ट्राइटन से सूर्य प्लूटो क्षुद्रग्रह- यहाँ सूर्य की रोशनी पृथ्वी की तुलना में 1600 गुना कम पहुंचती है। उपरोक्त चित्र वर्जिनिया के आरेखक रोन मिलर द्वारा 10 साल के रिसर्च के बाद तैयार किया गया है।

When we should drink hot water and why?। गर्म पानी कब पीना चाहिए और क्यों पीना चाहिएBy Vnita kasnia Punjabगर्म पानी कब पीना चाहिए और क्यों पीना चाहिए?गर्म पानी पीने से वेट कम होता है गर्म पानी पीने से पेट साफ होता है ऐसी बातें आपने बहुत सुनी होगी। लेकिन शायद आपको नहीं पता होगा कि ये ज्यादा गर्म पानी से आपकी बॉडी के इंटरनल पार्ट डैमेज हो सकते हैं।गर्म नहीं गुनगुना पानी पिएं, गुनगुने पानी के फायदे और गर्म पानी के नुकसान, गर्म पानी कब पीना चाहिए और क्यों, क्या है नुकसान गर्म पानी पीने के, गुनगुनाWhen we should drink hot water and why?पानी को गर्म करने से उसके मिनरल्स खत्म हो जाते हैं। पानी से पोटेशियम उड़ जाता है। इसलिए ये हार्मफुल होता है। इसके साथ ही अगर ये पानी लोहे के नल से निकल कर आ रहा है तो इसमें लैड मिल जाता है जो कि पेट में जाकर बहुत नुकसान करता है। सोलर सिस्टम और वाटरकूलर से आने वाला गर्म पानी बेहद नुकसानदायक हो सकता है।गर्म पानी को तभी पिया जा सकता है जब ये गंदाा न हो लेकिन इसके लिए भी इसे पहले फिटकरी से साफ करें फिर उबाल कर ठंडा करके पिएं। अगर इसको मटके में डालकर पीते हैं तो इसको न्यूट्रिशन वापस मिल जाएंगे। क्योंकि मटका पानी को पोषण देता है। ग्रीन टी पी जा सकती है।आयुर्वेद के अनुसार गर्म पानी पीना नुकसानदायक है। लोग चाहे तो गुनगुना पानी पी सकते हैं।गर्म- गुनगुना पानी पीने में भले ही अच्‍छा न लगे लेकिन इसके फायदे आपको गुनगुना पानी पीने पर मजबूर कर देंगे।यूं तो 8 से 10 ग्‍लास पानी पीना शरीर के लिए बहुत जरूरी होता है, लेकिन अगर दिन में तीन बार गर्म - गुनगुना पानी पीने की आदत शरीर को कई बीमारियों से आसानी से बचा सकती हैहृदय की संरचना और कार्यगर्म पानी के फायदेनहाने के नियमकर्म नहीं गुनगुना पानी पिएं गुनगुने पानी के हैं कई फायदे1. वजन कम करने में सहायक है गुनगुना पानीअगर आपका वेट लगातार बढ़ रहा है और आपकी लाख कोशिशों के बावजूद भी कुछ फर्क नहीं पड़ रहा है तो आप गर्म- गुनगुने पानी में शहद और नीबू मिलाकर लगातार तीन महीने तक पिएं,आपको फर्क जरूर महसूस होगा।अगर आप ये हेल्‍दी ड्रिंक नहीं पीना चाहते हैं तो आप खाना खाने के बाद एक कप हल्का गर्म पानी पीना शुरू करें।2.पाचन क्रिया में सहायक गर्म- गुनगुना पानी -गुनगुना पानी पाचन क्रिया के लिए भी फायदेमंद होता है। एक रिसर्च कहती है कि खाना खाने के बाद अगर आप ठंडा पानी पीते हैं तो ये आपके खाये गए खाने में मौजूद तेल को ठोस कर देता है। इससे आपकी आंत की इनर वाल (inner wall) में वसा जमा होती रहती है जिसकी वजह से आंत के कैंसर की समस्या शुरू हो जाती है। हालाँकि अगर आप हल्का गर्म पानी पीते हैं तो आपको ये समस्या कभी नहीं होगी और आपकी पाचन क्रिया भी स्वस्थ रहेगी।3.बॉडी करे डिटॉक्‍सगर्म- गुनगुना पानी पीने से बॉडी को डिटॉक्‍स करने में मदद मिलती है और यह शरीर की सारी अशुद्धियां को बहुत आसानी से साफ कर देता है. गुनगुना पानी पीने से शरीर का तापमान बढ़ने लग जाता है, जिससे पसीना आता है और इसके माध्यम से शरीर की अशुद्धियां दूर हो जाती हैं।4.बुढ़ापा रोकने की दवा है गुनगुना पानी -सबसे पहले रोज़ाना गुनगुना पानी पीने से आप समय से पहले आने वाले बुढ़ापे को रोक सकते हैं और अपनी त्वचा को फिर से जवान बना सकते हैं। ये शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालता है और त्वचा के उत्तकों को ठीक करता है जो हानिकारक फ्री रेडिकल्स से प्रभावित होते हैं। गुनगुना पानी पीने से आपकी त्वचा की लचीलता बढ़ती है। इसे परिणामस्वरूप आपकी खराब हुई त्वचा टोंड, रिंकल मुक्त और सुंदर दिखने लगती है।5.बालों में प्राकृतिक निखार लाता है -गुनगुना पानी पीने से आपके बालों को मुलायम और चमकदार बनाने में मदद मिलती है। ये आपके बालों की जड़ों को फिर से मजबूत बनाता है और उन्हें सक्रीय करने में मदद करता है।गर्म नहीं गुनगुना पानी पिएं, गुनगुने पानी के फायदे और गर्म पानी के नुकसान, गर्म पानी कब पीना चाहिए और क्यों, क्या है नुकसान गर्म पानी पीने के, गुनगुनाvnitakasniapunjab05114@gmail.com इससे आपके बालों में फिर से प्राकृतिक निखार वापस आने लगता है और आपके बाल स्वस्थ बनने लगते हैं।तो उठिये और अपने दिन की शुरुआत गुनगुने पानी के साथ करना शुरू कर दीजिये।

When we should drink hot water and why?।  गर्म पानी कब पीना चाहिए और क्यों पीना चाहिए By Vnita kasnia Punjab गर्म पानी कब पीना चाहिए और क्यों पीना चाहिए? गर्म पानी  पीने से  वेट कम होता है  गर्म पानी पीने से पेट साफ होता है ऐसी बातें आपने बहुत सुनी होगी। लेकिन शायद आपको नहीं पता होगा कि ये ज्यादा गर्म पानी से आपकी बॉडी के इंटरनल पार्ट डैमेज हो सकते हैं। When we should drink hot water and why? पानी को गर्म करने से उसके मिनरल्स खत्म हो जाते हैं। पानी से पोटेशियम उड़ जाता है। इसलिए ये हार्मफुल होता है। इसके साथ ही अगर ये पानी लोहे के नल से निकल कर आ रहा है तो इसमें लैड मिल जाता है जो कि पेट में जाकर बहुत नुकसान करता है।  सोलर सिस्टम और वाटरकूलर से आने वाला गर्म पानी बेहद नुकसानदायक हो सकता है। गर्म पानी को तभी पिया जा सकता है जब ये गंदाा न  हो लेकिन इसके लिए भी इसे पहले फिटकरी से साफ करें फिर उबाल कर ठंडा करके पिएं।  अगर इसको मटके में डालकर पीते हैं तो इसको न्यूट्रिशन वापस मिल जाएंगे। क्योंकि मटका पानी को पोषण देता है। ग्रीन टी पी जा सकती है। आयुर्वेद के अ...