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नृसिंह जयंती सभी भक्तों को हार्दिक शुभकामनाएँ जय जय लक्ष्मी नारायण हरे.........#बाल #वनिता #महिला #वृद्ध #आश्रम की #अध्यक्ष #श्रीमती #वनिता_कासनियां #पंजाब #संगरिया #राजस्थान🙏🙏❤️नृसिंह जयंती वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को मनाई जाती है। इस जयंती का हिन्दू धर्म में बड़ा ही महत्त्व है। भगवान श्रीनृसिंह शक्ति तथा पराक्रम के प्रमुख देवता हैं। पौराणिक धार्मिक मान्यताओं एवं धार्मिक ग्रंथों के अनुसार इसी तिथि को भगवान विष्णु ने 'नृसिंह अवतार' लेकर दैत्यों के राजा हिरण्यकशिपु का वध किया था। भगवान विष्णु ने अधर्म के नाश के लिए कई अवतार लिए तथा धर्म की स्थापना की।कथा :-नृसिंह अवतार भगवान विष्णु के प्रमुख अवतारों में से एक है। नरसिंह अवतार में भगवान विष्णु ने आधा मनुष्य व आधा शेर का शरीर धारण करके दैत्यों के राजा हिरण्यकशिपु का वध किया था। धर्म ग्रंथों में भगवान विष्णु के इस अवतरण की कथा इस प्रकार है-प्राचीन काल में कश्यप नामक ऋषि हुए थे, उनकी पत्नी का नाम दिति था। उनके दो पुत्र हुए, जिनमें से एक का नाम 'हरिण्याक्ष' तथा दूसरे का 'हिरण्यकशिपु ' था।हिरण्याक्ष को भगवान विष्णु ने पृथ्वी की रक्षा हेतु वराह रूप धरकर मार दिया था। अपने भाई कि मृत्यु से दुखी और क्रोधित हिरण्यकशिपु ने भाई की मृत्यु का प्रतिशोध लेने के लिए अजेय होने का संकल्प किया। सहस्त्रों वर्षों तक उसने कठोर तप किया। उसकी तपस्या से प्रसन्न होकर ब्रह्माजी ने उसे अजेय होने का वरदान दिया। वरदान प्राप्त करके उसने स्वर्ग पर अधिकार कर लिया। लोकपालों को मारकर भगा दिया और स्वत: सम्पूर्ण लोकों का अधिपति हो गया। देवता निरूपाय हो गए थे। वह असुर हिरण्यकशिपु को किसी प्रकार से पराजित नहीं कर सकते थे।भक्त प्रह्लाद का जन्म :-अहंकार से युक्त हिरण्यकशिपु प्रजा पर अत्याचार करने लगा। इसी दौरान हिरण्यकशिपु कि पत्नीकयाधु ने एक पुत्र को जन्म दिया, जिसका नाम 'प्रह्लाद ' रखा गया। एक राक्षस कुल में जन्म लेने के बाद भी प्रह्लाद में राक्षसों जैसे कोई भी दुर्गुण मौजूद नहीं थे तथा वह भगवान नारायण का भक्त था। वह अपने पिता हिरण्यकशिपु के अत्याचारों का विरोध करता था।हिरण्यकशिपु का वध :-भगवान-भक्ति से प्रह्लाद का मन हटाने और उसमें अपने जैसे दुर्गुण भरने के लिए हिरण्यकशिपु ने बहुत प्रयास किए। नीति-अनीति सभी का प्रयोग किया, किंतु प्रह्लाद अपने मार्ग से विचलित न हुआ। तब उसने प्रह्लाद को मारने के लिए षड्यंत्र रचे, किंतु वह सभी में असफल रहा। भगवान विष्णु की कृपा से प्रह्लाद हर संकट से उबर आता और बच जाता था। अपने सभी प्रयासों में असफल होने पर क्षुब्ध हिरण्यकशिपु ने प्रह्लाद को अपनी बहनहोलिका की गोद में बैठाकर जिन्दा ही जलाने का प्रयास किया। होलिका को यह वरदान प्राप्त था कि अग्नि उसे नहीं जला सकती, परंतु जब प्रह्लाद को होलिका की गोद में बिठा कर अग्नि में डाला गया तो उसमें होलिका तो जलकर राख हो गई, किंतु प्रह्लाद का बाल भी बाँका नहीं हुआ। इस घटना को देखकर हिरण्यकशिपु क्रोध से भर गया। उसकी प्रजा भी अब भगवान विष्णु की पूजा करने लगी थी। तब एक दिन हिरण्यकशिपु ने प्रह्लाद से पूछा कि बता- "तेरा भगवान कहाँ है?" इस पर प्रह्लाद ने विनम्र भाव से कहा कि "प्रभु तो सर्वत्र हैं, हर जगह व्याप्त हैं।" क्रोधित हिरण्यकशिपु ने कहा कि "क्या तेरा भगवान इस स्तम्भ (खंभे) में भी है?" प्रह्लाद ने हाँ में उत्तर दिया। यह सुनकर क्रोधांध हिरण्यकशिपु ने खंभे पर प्रहार कर दिया। तभी खंभे को चीरकर श्रीनृसिंह भगवान प्रकट हो गए और हिरण्यकशिपु को पकड़कर अपनी जाँघों पर रखकर उसकी छाती को नखों से फाड़ डाला और उसका वध कर दिया। श्रीनृसिंह ने प्रह्लाद कीभक्ति से प्रसन्न होकर उसे वरदान दिया कि आज के दिन जो भी मेरा व्रत करेगा, वह समस्त सुखों का भागी होगा एवं पापों से मुक्त होकर परमधाम को प्राप्त होगा। अत: इस कारण से इस दिन को "नृसिंह जयंती-उत्सव" के रूप में मनाया जाता है।नृसिंह भगवान के चर्म को बना लिया भोले ने अपना आसन :-इसके अलावा एक अन्य वजह भी है, जिसके लिए भगवान विष्णु ने ये रूप धरा। बताया जाता है कि हिरण्यकशिपु का वध करने के बाद भगवान नृसिंह का क्रोध शांत ही नहीं हो रहा था। वे पृथ्वी को नष्ट कर देना चाहते हैं। इस बात से परेशान सभी देवता भोलेनाथ की शरण में गए। भोलेनाथ ने नरसिंह भगवान का गुस्सा शांत करने के लिए अपने अंश से उत्पन्न वीरभद्र को भेजा। वीरभ्रद ने काफी कोशिश की, लेकिन जब भगवान नृसिंह नहीं माने तो उन्होंने वीरभद्र गरूड़, सिंह और मनुष्य का मिश्रित शरभ रूप धारण किया।शरभ ने नृसिंह को अपने पंजे से उठा लिया और चोंच से वार करने लगा। शरभ के वार से आहत होकर नृसिंह ने अपना शरीर त्यागने का निर्णय लिया और शिव से निवेदन किया कि इनके चर्म को शिव अपने आसन के रूप में स्वीकार करें। इसके बाद शिव ने इनके चर्म को अपना आसन बना लिया। इसलिए शिव वाघ के खाल पर विराजते हैं। इस दिन जो भी व्यक्ति भगवान विष्णु की पूजा अर्चना करता है, उसे सभी दुखों से मुक्ति मिलती है। इसके साथ ही व्यक्ति अपने सभी पापों से मुक्ति पाकर मोक्ष की भी प्राप्ति करता है। भगवान नृसिंह की पूजा के लिए फल, फूल और पंचमेवा का भोग लगाना चाहिए। इसके साथ ही भगवान नृसिंह को प्रसन्न करने के लिए उनके नृसिंह गायत्री मंत्र का जाप करना चाहिए।व्रत विधि :-नृसिंह जयंती के दिन व्रत-उपवास एवं पूजा-अर्चना कि जाती है। इस दिन प्रातः ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान आदि से निवृत होकर स्वच्छ वस्त्र धारण करने चाहिए तथा भगवान नृसिंह की विधी विधान के साथ पूजा-अर्चना करनी चाहिए। भगवान नृसिंह तथा लक्ष्मीजी की मूर्ति स्थापित करना चाहिए, तत्पश्चात् वेद मंत्रों से इनकी प्राण-प्रतिष्ठा कर षोडशोपचार से पूजन करना चाहिए। भगवान नृसिंह की पूजा के लिए फल , पुष्प , पंचमेवा, कुमकुम, केसर, नारियल , अक्षत व पीताम्बर रखना चाहिए। गंगाजल , काले तिल, पंच गव्य व हवन सामग्री का पूजन में उपयोग करें। भगवान नृसिंह को प्रसन्न करने के लिए उनके नृसिंह गायत्री मंत्र का जाप करना चाहिए। पूजा के पश्चात् एकांत में कुश के आसन पर बैठकर रुद्राक्ष की माला से नृसिंह भगवान के मंत्र का जप करना चाहिए। इस दिन व्रती को सामर्थ्य अनुसार तिल , स्वर्ण तथा वस्त्रादि का दान देना चाहिए। इस व्रत को करने वाला व्यक्ति लौकिक दुःखों से मुक्त हो जाता है। भगवान नृसिंह अपने भक्त की रक्षा करते हैं व उसकी समस्त मनोकामनाएँ पूर्ण करते हैं।#Vnita🙏🙏❤️मंत्र :-नृसिंह #जयंती के दिन निम्न मंत्र का जाप करना चाहिए-1. ॐ उग्रं वीरं महाविष्णुं ज्वलन्तं सर्वतोमुखम्।नृसिंहं भीषणं भद्रं मृत्यु मृत्युं नमाम्यहम्॥2. ॐ नृम नृम नृम नर सिंहाय नमः ।इन #मंत्रों का #जाप करने से समस्त #दुखों का निवारण होता है तथा #भगवान #नृसिंह की कृपा प्राप्त होती है।❤️ राधे राधे ❤️

नृसिंह जयंती सभी भक्तों को हार्दिक शुभकामनाएँ  जय जय लक्ष्मी नारायण हरे......... #बाल #वनिता #महिला #वृद्ध #आश्रम की #अध्यक्ष #श्रीमती #वनिता_कासनियां #पंजाब #संगरिया #राजस्थान🙏🙏❤️ नृसिंह जयंती वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को मनाई जाती है। इस जयंती का हिन्दू धर्म में बड़ा ही महत्त्व है। भगवान श्रीनृसिंह शक्ति तथा पराक्रम के प्रमुख देवता हैं। पौराणिक धार्मिक मान्यताओं एवं धार्मिक ग्रंथों के अनुसार इसी तिथि को भगवान विष्णु ने 'नृसिंह अवतार' लेकर दैत्यों के राजा हिरण्यकशिपु का वध किया था। भगवान विष्णु ने अधर्म के नाश के लिए कई अवतार लिए तथा धर्म की स्थापना की। कथा :- नृसिंह अवतार भगवान विष्णु के प्रमुख अवतारों में से एक है। नरसिंह अवतार में भगवान विष्णु ने आधा मनुष्य व आधा शेर का शरीर धारण करके दैत्यों के राजा हिरण्यकशिपु का वध किया था। धर्म ग्रंथों में भगवान विष्णु के इस अवतरण की कथा इस प्रकार है- प्राचीन काल में कश्यप नामक ऋषि हुए थे, उनकी पत्नी का नाम दिति था। उनके दो पुत्र हुए, जिनमें से एक का नाम 'हरिण्याक्ष' तथा दूसरे का 'हिरण्यकशिपु ' था। हिरण्याक्ष...

सलाद मांस से 10 गुना शक्तिशाली भोज्य पदार्थ है?वनिता कासनियां पंजाब द्वारा मांस से 10 गुना शक्तिशाली कौन सा भोज्य पदार्थ है?आज के समय में अधिकांश व्यक्ति उन खाद्य का सेवन करते हैं जिनमें शरीर के लिए जरूरी पोषक तत्व नहीं पाए जाते हैं। इस कारण वे तरह-तरह की परेशानियों का सामना करते है। शारीरिक कमजोरी की समस्या आम हैं। थोड़ा सा काम करने के बाद ही लोग थकावट महसूस करते है। लोग शरीर को ताकतवर बनाने के लिए मांस, मछली, अंडा खाने पर जोर देते हैं। लेकिन शाकाहारी लोग इन चीजों का सेवन नहीं कर सकते। ऐसे में उनके लिए ऐसे खाद्य की आवश्यकता महसूस की जाती है जो मांसाहार के विकल्प के रूप में उन्हें मिले।शाकाहारी हो या मांसाहारी, अगर इस खाद्य का सेवन करें तो उनका शरीर ताकतवर और मजबूत बन जाएगा। और यह कीमत के मामले में मांसाहारी व्यंजनों से काफी किफायती भी है।मूंग की दाल यासबूत मूंग में मांस से भी दस गुना अधिक प्रोटीन पाया जाता है। कोई इसका लगातार इसका सेवन करे तो यह उनके शरीर ताकतवर और मजबूत बना देता है। रोज इसका सेवन नहीं कर सकते तो भी सप्ताह में एक या दो बार मूंग की दाल का सेवन जरूर करना चाहिए। मूंग की दाल में प्रोटीन के अलावा कई तरह के पोषक तत्व पाए जाते हैं जो शरीर को ऊर्जा प्रदान करते हैं।शाकाहारी लोगों के लिए मूंग की दाल एक तरह से मांस का काम करता है। मूंग की दाल का सेवन कई तरह से किया जा सकता है। साधारण तौर पर मूंग की दाल बनाया जा सकता है। सबूत मूंग को भीगा कर उसके अंकुरण होने पर उसके सलाद बना कर खाया जा सकता है। प्याज, टमाटर, खीरा और नींबू के रस के साथ यह स्वादिष्ट लगता है।वैकल्पिक तौर पर इसे उबल कर भी खाया जा सकता है। बस इसे कम उबलना बेहतर होता है वरना यह पूरी तरह गल जाता है।अनेक धन्यवाद !!!

मांस से 10 गुना शक्तिशाली भोज्य पदार्थ है? मांस से 10 गुना शक्तिशाली कौन सा भोज्य पदार्थ है? आज के समय में अधिकांश व्यक्ति उन खाद्य का सेवन करते हैं जिनमें शरीर के लिए जरूरी पोषक तत्व नहीं पाए जाते हैं। इस कारण वे तरह-तरह की परेशानियों का सामना करते है। शारीरिक कमजोरी की समस्या आम हैं। थोड़ा सा काम करने के बाद ही लोग थकावट महसूस करते है। लोग शरीर को ताकतवर बनाने के लिए मांस, मछली, अंडा खाने पर जोर देते हैं। लेकिन शाकाहारी लोग इन चीजों का सेवन नहीं कर सकते। ऐसे में उनके लिए ऐसे खाद्य की आवश्यकता महसूस की जाती है जो मांसाहार के विकल्प के रूप में उन्हें मिले। शाकाहारी हो या मांसाहारी, अगर इस खाद्य का सेवन करें तो उनका शरीर ताकतवर और मजबूत बन जाएगा। और यह कीमत के मामले में मांसाहारी व्यंजनों से काफी किफायती भी है। मूंग की दाल यासबूत मूंग में मांस से भी दस गुना अधिक प्रोटीन पाया जाता है। कोई इसका लगातार इसका सेवन करे तो यह उनके शरीर ताकतवर और मजबूत बना देता है। रोज इसका सेवन नहीं कर सकते तो भी सप्ताह में एक या दो बार मूंग की दाल का सेवन जरूर करना चाहिए। मूंग की दाल में प्रोटीन के अलावा कई त...

प्रथ्वी पर गुरुत्वाकर्षण मौजूद है, तो चंद्रमा पृथ्वी पर क्यों नहीं गिरता?(By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब)सर आइसक न्यूटन ने आपके इस प्रश्न का उत्तर अपनी पुस्तक A Treatise of The System of The World में एक परिकल्पना(thought experiment) के माध्यम से दिया है | उनके अनुसार यदि किसी पिंड को पर्याप्त वेग मिल जाए तो वह गुरुत्वाकर्षण के प्रभाव से मुक्त होकर अंतरिक्ष में पहुँच सकता है |अपनी परिकल्पना के लिए उन्होंने एक तोप का गोला लिया और उसे पृथ्वी के सबसे ऊँचे पर्वत से छोड़ा (दागा ) | यदि इस तोप के गोले का वेग कम होगा ( ० से ६००० मी/से )तो वह तो वह कुछ दूर जाकर पृथ्वी पर वापस आ जाएगा | चित्र देखें-यदि तोप के गोले का वेग ऑर्बिटल वेलोसिटी जितना ( ७३०० मी/से ) हुआ तो वह एक नियत वृतीय कक्षा में पृथ्वी का चक्कर लगाएगा |यदि तोप का गोला इससे भी अधिक वेग ( पलायन वेग से कम ) प्राप्त कर लेता है तो वह लगातार दीर्घ वृत्तीय कक्षा में पृथ्वी का चक्कर लगाने लगेगा |सभी चित्र विकिपीडिया से लिए गए हैं |

प्रथ्वी पर गुरुत्वाकर्षण मौजूद है, तो चंद्रमा पृथ्वी पर क्यों नहीं गिरता? (By  समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब) सर आइसक न्यूटन ने आपके इस प्रश्न का उत्तर अपनी पुस्तक A Treatise of The System of The World में एक परिकल्पना(thought experiment) के माध्यम से दिया है | उनके अनुसार यदि किसी पिंड को पर्याप्त वेग मिल जाए तो वह गुरुत्वाकर्षण के प्रभाव से मुक्त होकर अंतरिक्ष में पहुँच सकता है | अपनी परिकल्पना के लिए उन्होंने एक तोप का गोला लिया और उसे पृथ्वी के सबसे ऊँचे पर्वत से छोड़ा (दागा ) | यदि इस तोप के गोले का वेग कम होगा ( ० से ६००० मी/से )तो वह तो वह कुछ दूर जाकर पृथ्वी पर वापस आ जाएगा | चित्र देखें- यदि तोप के गोले का वेग ऑर्बिटल वेलोसिटी जितना ( ७३०० मी/से ) हुआ तो वह एक नियत वृतीय कक्षा में पृथ्वी का चक्कर लगाएगा | यदि तोप का गोला इससे भी अधिक वेग ( पलायन वेग से कम ) प्राप्त कर लेता है तो वह लगातार दीर्घ वृत्तीय कक्षा में पृथ्वी का चक्कर लगाने लगेगा | सभी चित्र विकिपीडिया से लिए गए हैं |

राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस की आप सभी को बहुत बहुत हार्दिक बधाई शुभकामनाएं। #बाल #वनिता #महिला #वृद्ध #आश्रम की अध्यक्ष #श्रीमती #वनिता_कासनियां #पंजाब की तरफ से समस्त #देशवासियों को पंचायती राज दिवस की हार्दिक #शुभकामनाएँ।। 24 अप्रैल 1993 को 73वें संशोधन के बाद पंचायती राज को संविधान में शामिल किया गया था।#पंचायती_राज_दिवस #संगरिया #राजस्थानराष्ट्र के समग्र उत्थान और #ग्रामीण #विकास में #पंचायती राज व्यवस्था का अहम योगदान है। जन-जन को विकास में भागीदार बना कर #PMO India श्री #NarendraModi मोदी सरकार अंत्योदय के सपने को साकार करने के लिए बिना आराम विराम किए दिन रात काम कर रही है ! देशवासियोॆ के हित कल्याण में प्रतिबद्ध है। Bharatiya Janata Party (BJP) #पंचायती_राज_दिवस#PanchayatiRajDiwas

राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस की आप सभी को बहुत बहुत हार्दिक बधाई शुभकामनाएं। #बाल #वनिता #महिला #वृद्ध #आश्रम की अध्यक्ष #श्रीमती #वनिता_कासनियां #पंजाब की तरफ से समस्त #देशवासियों को पंचायती राज दिवस की हार्दिक #शुभकामनाएँ।। 24 अप्रैल 1993 को 73वें संशोधन के बाद पंचायती राज को संविधान में शामिल किया गया था।#पंचायती_राज_दिवस #संगरिया #राजस्थानराष्ट्र के समग्र उत्थान और #ग्रामीण #विकास में #पंचायती राज व्यवस्था का अहम योगदान है। जन-जन को विकास में भागीदार बना कर #PMO India श्री #NarendraModi मोदी सरकार अंत्योदय के सपने को साकार करने के लिए बिना आराम विराम किए दिन रात काम कर रही है ! देशवासियोॆ के हित कल्याण में प्रतिबद्ध है। Bharatiya Janata Party (BJP) #पंचायती_राज_दिवस#PanchayatiRajDiwas

माता दुर्गा का जन्म कैसे हुआ था? बाल वनिता महिला वृद्ध आश्रम की अध्यक्ष श्रीमती वनिता कासनियां पंजाब वैसे तो शक्ति माता भी अजंमी हैं, लेकिन उन्होंने दो बार जन्म लिया है। एक बार प्रजापति दक्ष की पुत्री के रूप में और दूसरी बार महाराज हिमावत की पुत्री के रूप में, पर्वत का राजा कि पुत्री होने के कारण दुर्गा जी को शैलपुत्री कहा जाता है। माता रानी का सबसे प्रमुख नाम 'पार्वती' है। पार्वती जी अपना दुर्गा रूप धारण करके असुरों का विनाश करती हैं। महाराज हिमावत और रानी मैनावती दुर्गा जी के पिता और माता हैं।हर हर महादेव 🙏 जय माँ दुर्गा भवानी 🙏

माता दुर्गा का जन्म कैसे हुआ था? बाल वनिता महिला वृद्ध आश्रम की अध्यक्ष श्रीमती वनिता कासनियां पंजाब वैसे तो शक्ति माता भी अजंमी हैं, लेकिन उन्होंने दो बार जन्म लिया है। एक बार प्रजापति दक्ष की पुत्री के रूप में और दूसरी बार महाराज हिमावत की पुत्री के रूप में, पर्वत का राजा कि पुत्री होने के कारण दुर्गा जी को शैलपुत्री कहा जाता है। माता रानी का सबसे प्रमुख नाम 'पार्वती' है। पार्वती जी अपना दुर्गा रूप धारण करके असुरों का विनाश करती हैं। महाराज हिमावत और रानी मैनावती दुर्गा जी के पिता और माता हैं। हर हर महादेव 🙏 जय माँ दुर्गा भवानी 🙏

ब्लॉगर (ज्ञान)बाल वनिता महिला वृद्ध आश्रम की अध्यक्ष श्रीमती वनिता कासनियां पंजाबसाहित्य सेवा सदनकिसी अन्य भाषा में पढ़ेंPDF डाउनलोड करेंध्यान रखेंसंपादित करेंयह लेख ब्लॉगर नामक चिट्ठाकारी सेवा के बारे में हैउपयोक्ता (व्यक्ति) के लिए, ब्लॉगर (उपयोक्ता) देखें यह लेख आज का आलेख के लिए निर्वाचित हुआ है। अधिक जानकारी हेतु क्लिक करें।ब्लॉगर (पूर्व नाम: ब्लॉगस्पॉट) एक चिट्ठा होस्टिंग सेवा है जो गूगल ब्लॉगर प्रोग्राम के द्वारा उपलब्ध कराई जाती है, व जिसके द्वारा ब्लॉगर्स अपने नए ब्लॉग शीघ्र ही बना सकते हैं। इसकी मदद से डोमेन नेम और होस्टिंग जब तक ब्लॉगर चाहे निःशुल्क उपलब्ध रहती है। गूगल के एडसेंस कार्यक्रम के द्वारा ब्लोगर्स अपने ब्लॉग से आय भी कर सकते हैं।[2] यह सुविधा अन्य चिट्ठाकारी कार्यक्रमों पर निर्भर नहीं होती। एक ब्लॉग किसी भी कार्य के लिए प्रयोग किया जा सकता है, चाहे वह निजी दैनंदिनी के रूप में हो या व्यावसायिक कार्य के लिए या सामान्य रूप में अपने विचार दूसरों तक पहुंचाने के लिए ब्लॉग्गिंग का ज्यादा उपयोग किया जाता है। ब्लॉगस्पॉट का आरंभ १९९९ में एक होस्टिंग टूल के रूप में पायरा लैब्स ने की थी। सन् २००३ में इसे गूगल ने खरीद लिया था, और तब से यह इंटरनेट पर सबसे प्रसिद्ध शुल्करहित होस्टिंग वेबसाइट बनी हुई है।ब्लॉगरब्लॉगर का प्रतिक चिन्हBlogger screen.pngब्लॉगर जालस्थल का मुखपृष्ठ (हिन्दी में), अभिगमन:२३ अप्रैल २०१०प्रकारब्लॉग होस्टइनमें उपलब्धअंग्रेज़ी , हिंदी , फ़ारसी और अन्य ५७मालिकगूगल इंका.निर्मातापायरा लैब्सजालस्थलwww.blogger.com Edit this at Wikidataएलेक्सा रैंक१९६ जनवरी २०१९व्यापारिक?हांपंजीकरणवैकल्पिक, निःशुल्कउद्घाटन तिथि२३ अगस्त १९९९[1]वर्तमान स्थितिसक्रियप्रयोगइस पर ब्लॉग निर्माण के लिए कोई जटिल सॉफ्टवेयर या तकनीकी जानकारी को डाउनलोड करना या उसका प्रयोग नहीं करना पड़ता। इस पर अपना ब्लॉग बनाने के लिए प्रयोक्ताओं को केवल गूगल पर अपना खाता बनाना पड़ता है। इस पर साइनअप के लिए प्रयोक्ता को एक अलग नाम रखना होता है जो उसके ब्लॉग का नाम होगा। यही नाम डोमेन नेम के रूप में भी प्रयोग होता है।[2] ब्लॉगस्पॉट पर अन्य कुछ ब्लॉगिंग सेवाओं जैसी सुविधाएं उपलब्ध नहीं होतीं, लेकिन इसके सर्वसाधारण टूल्स और अन्य सुविधाएं ब्लॉगिंग को अत्यंत सरल बना देती हैं। किन्तु इसका अर्थ ये नहीं है, कि ब्लॉगस्पॉट पर आधुनिक सुविधाएं नहीं हैं। अधिकांश उन्नत प्रयोक्ता अपने ब्लॉग में कई परिवर्तन ला सकते हैं, जिसमें अपना साँचा (टेम्प्लेट) डिजाइन करना और गूगल का जालस्थल विश्लेषण (वेबसाइट एनलाइजिंग) कार्यक्रम का प्रयोग करने तक की भी सुविधाएं हैं। गूगल पर कई हजार उपकरण (गैजेट) हैं जिनको ब्लॉग्स पर जोड़ा (अटैच किया) जा सकता है। इनकी मदद से ब्लॉगर बहुउपयोगी उपयोक्ता ब्लॉग तैयार कर सकते हैं, जिसकी मदद से कई ब्लॉगर एक ही ब्लॉग पर अपना योगदान दे सकते हैं।सीमाएंब्लॉगर ने सामग्री भंडारण एवं तरंगदैर्घ्य (बैंडविड्थ), प्रति उपयोक्ता खाते की सीमाएं नियत की हैं[3]:ब्लॉगस की संख्या = असीमितपृष्ठ का नाप = विशिष्ट पृष्ठ (ब्लॉग का मुखपृष्ठ या पुरालेख पृष्ठ) १ एम.बी. पर सीमित हैं।लेबल्स की संख्या = २,००० अपूर्व लेबल/ब्लॉग, २० अपूर्व लेबल/पोस्टचित्र संख्या (उपयोक्ता पिकासा जाल संग्रह से हाइपरलिंक्ड) = कुल भंडार के १ जी.बी तकचित्रों का नाप = यदि ब्लॉगर मोबाइल द्वाआ पोस्ट किया गया, तब २५० के.बी. प्रति चित्र; पोस्ट की हुए चित्र 800px पर परिसीमित किये जाते हैं।टीम सदस्य (जो एक ब्लॉग को लिख सकते हों) = १००१८ फ़रवरी २०१० को,[4] ब्लॉगर ने स्वतः-पृष्ठांकन "ऑटो-पेजिनेशन" आरंभ किया है, जिससे प्रति पृष्ठ प्रदर्शित पोस्ट सीमित हो गयी हैं। जिसके कारण मुखपृष्ठ पर पोस्टों की संख्या उपयोक्ता द्वारा बतायी गई संख्या से कम होती है और कुछ उपयोक्ता रुष्ट भी हुए हैं।[5][6]अवरुद्धब्लॉगर को समय-समय पर निम्न देशों में अवरुद्ध किया गया है:फीजीचीनईरानपाकिस्तान[7]सीरियाई अरब गणराज्यम्याँमारतुर्की (अक्तूबर, २००८ में चार दिनों के लिये)[8]इन्हें भी देखेंवर्डप्रेसब्लॉगजगतब्लॉगब्लॉगरब्लॉगवाणीब्लॉगरोलहिन्दी ब्लॉगिंगसंस्कृत ब्लॉगगूगलचिट्ठाजगत.इनसन्दर्भ↑ "द स्टोरी ऑफ ब्लॉगर, Blogger.com". मूल से 19 अप्रैल 2010 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 23 अप्रैल 2010.↑ अ आ ब्लॉगस्पॉट Archived 2010-04-27 at the Wayback Machine। हिन्दुस्तान लाईव। २२ अप्रैल २०१०↑ "व्हॉट आर द लिमिट्स ऑन माई ब्लॉगर अकाउण्ट?". मूल से 15 अप्रैल 2010 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि २१ दिसम्बर २००९.↑ Vardhman Jain, "Auto Pagination on Blogger Archived 2011-07-08 at the Wayback Machine", Blogger Buzz, February 18, 2010.↑ "Problem Rollup: Auto Pagination for blogs with Classic templates Archived 2010-02-27 at the Wayback Machine", Blogger Help Forum (retrieved March 1, 2010).↑ "Problem Rollup: Auto Pagination for blogs with Layouts templates", Blogger Help Forum (retrieved March 1, 2010).↑ "गूगल्स गेटकीपर्स". न्यू यॉर्क टाइम्स. २००८. मूल से 15 अप्रैल 2009 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि १ दिसम्बर २००८. Over the past couple of years, Google and its various applications have been blocked, to different degrees, by 24 countries. Blogger is blocked in Pakistan, for example, and Orkut in Saudi Arabia.↑ "Blogger.com बैन्न्ड इन टर्की". advox.globalvoices.org. 2008. मूल से 20 अक्तूबर 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2008-12-01. A Turkish court has blocked access to the popular blog hosting service Blogger (Blogger.com and Blogspot.com owned by Google), from Friday, October 24th, 2008." The ban was lifted on Tuesday, October 28th, 2008.साँचा:हिन्दी चिट्ठाजगत

ब्लॉगर (ज्ञान) बाल वनिता महिला वृद्ध आश्रम की अध्यक्ष श्रीमती वनिता कासनियां पंजाब साहित्य सेवा सदन किसी अन्य भाषा में पढ़ें PDF डाउनलोड करें ध्यान रखें संपादित करें यह लेख ब्लॉगर नामक चिट्ठाकारी सेवा के बारे में है उपयोक्ता (व्यक्ति) के लिए,  ब्लॉगर (उपयोक्ता)  देखें     ब्लॉगर  (पूर्व नाम:  ब्लॉगस्पॉट ) एक  चिट्ठा  होस्टिंग सेवा है जो गूगल ब्लॉगर प्रोग्राम के द्वारा उपलब्ध कराई जाती है, व जिसके द्वारा ब्लॉगर्स अपने नए ब्लॉग शीघ्र ही बना सकते हैं। इसकी मदद से डोमेन नेम और होस्टिंग जब तक ब्लॉगर चाहे निःशुल्क उपलब्ध रहती है। गूगल के एडसेंस कार्यक्रम के द्वारा ब्लोगर्स अपने ब्लॉग से आय भी कर सकते हैं। [2]  यह सुविधा अन्य चिट्ठाकारी कार्यक्रमों पर निर्भर नहीं होती। एक ब्लॉग किसी भी कार्य के लिए प्रयोग किया जा सकता है, चाहे वह निजी दैनंदिनी के रूप में हो या व्यावसायिक कार्य के लिए या सामान्य रूप में अपने विचार दूसरों तक पहुंचाने के लिए ब्लॉग्गिंग का ज्यादा उपयोग किया जाता है। ब्लॉगस्पॉट का आरंभ  १९९९  में एक होस्टिंग टूल के ...