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#वृक्षों का #देव #स्वरूप एक दृष्टि ----🌳🌴🌲🍀☘️🌿🌱🌺🌷🌹🌻बी समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब===================#प्रकृति_संरक्षण_और_संवर्धन_में_सनातन_विज्ञानभारतीय संस्कृति में वृक्षों को काटना हिंसा है। इनमें देवात्मा होती है। सनातन संस्कृति में वृक्षों की पूजा होती है ।अभिषेक , दीपदान , सुत्रबंधन , अक्षत-रोली-चन्दन-पुष्पों आदि से पूजन किया जाता है और परिक्रमा की जाती है। १ #पीपल -------------- योगिराज भगवान् श्री कृष्ण श्रीमद भगवत गीता जी में कहते हैं : " #वृक्षेषु_अश्वस्था: " अर्थात " वृक्षों में मैं पीपल हूँ" | पीपल विष्णु वृक्ष है | पीपल के नीचे श्राद्ध क्रिया, गायत्री जप, कथा, स्तोत्र आदि संपन्न किये जाते हैं | पीपल का पेड़ काटने या कटवाने से पितर दोष लगता है... इसके साथ ही प्रेतात्माओ का शाप भी लगता है जो रात को पीपल पर निवास करती हैं... (इसीलिए रात्री के समय पीपल की पूजा नहीं होती ) सूर्योदय के बाद पीपल पर माता लक्ष्मी का निवास मन गया है... पीपल की पूजा बृहस्पति और शनि दोषों से मुक्ति के लिए भी की जाती है |२ #बरगद -------------वट शिव वृक्ष है | प्रलय के समय मुकुंद ने अक्षय वट पर विश्राम किया था | यह अक्षय वट प्रयाग में है | महिलाएं वट सावित्री की पूजा करती हैं सौभाग्य के वरदान के लिए | वट वृक्ष जटाधारी भगवान् शिव का ही रूप है |३ #कमल ----------------माता लक्ष्मी का निवास होता है | यह एक ऐसा पुष्प है जो अपने गुणों के कारण प्रत्येक देवी देवता को प्रिय है |४) #नारियल ------------------ श्री देवी (माँ लक्ष्मी) ही बस्ती हैं | नारियल एक ऐसा फल है जो प्रत्येक देवी देवता को प्रिय है... इसे पौराणिक ग्रंथो में "कल्प वृक्ष" का नाम दिया गया है... शक्ति पूजा में और किसी अनुष्ठान में यह विशेष रूप से प्रयोग में लाया जाता है |५ #बिल्व ------------वृक्ष में लक्ष्मी जी का निवास है... ऋग्वेद के "श्री सूक्तं" के अनुसार माता लक्ष्मी की कठोर तपस्या के परिणाम स्वरुप ही बिल्व वृक्ष उत्पन्न हुआ... ""वनस्पतिस्तव वृक्शोथ बिल्व: "... इसीलिए यह वृक्ष, इसके पत्ते और फल भगवान् शिव को अत्यंत प्रिय हैं | बिल्व पत्र महादेव के विग्रह की शोभा हैं | शास्त्रानुसार संध्या के समय बिल्व वृक्ष के नीचे दीप दान करने वाला व्यक्ति मृत्योपरांत शिवलोक को ही जाता है अर्थात उसकी सद्गति निश्चित होती है | देवी कात्यायनी की पूजा भी में भगवान् राम ने बिल्व पत्रों का प्रयोग किया था |६) #रुद्राक्ष --------------शिव वृक्ष है | इसके बीजो से बनी माला पूजा में प्रयुक्त होती है | रुद्राक्ष भगवान् शंकर का श्रृंगार हैं |७) #तुलसी ------------------वृंदा देवी हैं | तुलसी के स्पर्श, दर्शन, सेवन से जन्म-जन्मान्तरों के पाप कर्मों का नाश होता है | यह भगवान् विष्णु को अत्यंत प्रिय है |कोई भी अनुष्ठान या पूजा कार्य संपन्न करने के लिए तुलसी पत्र का होना आवश्यक माना गया है | वर्ष भर तुलसी में जल अर्पित करना एवं सायंकाल तुलसी के नीचे दीप जलाना अत्यंत श्रेष्ठ माना जाता है | कार्तिक मास में तुलसी के समक्ष दीपक जलाने से मनुष्य अनंत पुण्य का भागी बनता है एवं उसे माँ लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है क्योंकि तुलसी में साक्षात माता लक्ष्मी का निवास माना गया है |८) #धान ------------ "धान्य देवी" अर्थात "माता अन्नपूर्णा" का ही रूप हैं| प्रत्येक पूजा में अक्षत ( चावलों के साबुत दाने ) का प्रयोग होता है|९) #नीम------------ शीतला देवी रहती हैं जो रोगों से रक्षा करती हैं | देश भर में शीतला देवी के मंदिरों में नीम के वृक्ष सहजता से मिल जाते हैं|१०) #आम के वृक्षों पर यक्ष किन्नर विहार करते हैं|११) #आंवला ----- - -- ----विष्णु और लक्ष्मी माँ का प्रिय है | कार्तिक मास में आंवले की परिक्रमा और पूजा होती है|१२) #कैंथ और #जामुन--------------------------- के वृक्ष गणपति गणेश को प्रिय हैं और इनके फल गणेश पूजा में अर्पित किये जाते हैं| " कपित्थ जम्बू फल चारु भक्षणं "|१३) बृहस्पति दोषों से मुक्ति पाने हेतु केले की पूजा की जाती है|१४) #आक और #पलाश------------------------------सूर्य वनस्पति है और पलाश चन्द्र वनस्पति ... सूर्य और चन्द्र के दोषों से मुक्ति पाने हेतु ज्योतिष में इन वनस्पतिओं का प्रयोग्किया जाता है |वनस्पतियाँ विधाता का वरदान हैं | इनकी मधुरिमा को बने रखने के लिए वेद मंत्र है " #मधुमान्नोवनस्पते: "| वृक्षों में देवात्मा होती है | वृक्षारोपण एक धार्मिक अनुष्ठान है | वृक्षों में खिले हुए पुष्पों की गंध और फलो के रसात्मक तत्वों को पाकर देवता तृप्त होते हैं | इसीलिए पूजा स्थलों के परिसर में पुष्प और फलदार वृक्ष लगाये जाते हैं | फूलो, फलो अथवा हरे भरे वृक्षों को काटने पर महापाप लगता है| और इसके विपरीत वृक्षारोपण से व्यक्ति महापुण्य का भागीदार होता है.।✍🏼बाल वनिता महिला आश्रम 🙏🔱🙏🏻_____________________________।।श्री नवग्रह स्तोत्र को श्रवण करें ।।

http://vnita40.blogspot.com/2021/06/by.html #वृक्षों का #देव #स्वरूप एक दृष्टि --- -🌳🌴🌲🍀☘️🌿🌱🌺🌷🌹🌻 बी समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब =================== #प्रकृति_संरक्षण_और_संवर्धन_में_सनातन_विज्ञान भारतीय संस्कृति में वृक्षों को काटना हिंसा है। इनमें देवात्मा होती है। सनातन संस्कृति में वृक्षों की पूजा होती है । अभिषेक , दीपदान , सुत्रबंधन , अक्षत-रोली-चन्दन-पुष्पों आदि से पूजन किया जाता है और परिक्रमा की जाती है।  १ #पीपल  --------------  योगिराज भगवान् श्री कृष्ण श्रीमद भगवत गीता जी में कहते हैं :  " #वृक्षेषु_अश्वस्था: " अर्थात " वृक्षों में मैं पीपल हूँ" |  पीपल विष्णु वृक्ष है | पीपल के नीचे श्राद्ध क्रिया, गायत्री जप, कथा, स्तोत्र आदि संपन्न किये जाते हैं | पीपल का पेड़ काटने या कटवाने से पितर दोष लगता है...  इसके साथ ही प्रेतात्माओ का शाप भी लगता है जो रात को पीपल पर निवास करती हैं... (इसीलिए रात्री के समय पीपल की पूजा नहीं होती )  सूर्योदय के बाद पीपल पर माता लक्ष्मी का निवास मन गया है... पीपल की पूजा बृहस्पति और शनि दोषों...

ऐसा व्यक्ति #नर्क में नहीं जाएगा जो एक #पीपल, एक #नीम, एक #बरगद, दस #फूल वाले #पौधे अथवा #लताएं, दो #अनार, दो #नारंगी और पांच #आम के वृक्ष लगाता है।By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब"#अश्वत्थमेकं पिचुमन्दमेकं न्यग्रोधमेकं दश पुष्पजातीः।द्वे द्वे तथा दाडिममातुलिंगे पंचाम्ररोपी नरकं न याति।।" #वराहपुराण (172.39)दस कुओं के बराबर एक #बावड़ी होती है, दस बावड़ियों के बराबर एक #तालाब, दस तालाबों के बराबर एक #पुत्र है और दस पुत्रों के बराबर एक #वृक्ष होता है "#दशकूपसमावापी दशवापी समो ह्रदः।दशह्रदसमः पुत्रो दशपुत्रसमो द्रुमः।।"#मत्स्यपुराण (154.511-512)किसी दूसरे के द्वारा रोपित वृक्ष का #सिंचन करने से भी महान् फलों की प्राप्ति होती है, इसमें विचार करने की आवश्यकता नही है"#सेचनादपि वृक्षस्य रोपितस्य परेण तु।महत्फलमवाप्नोति नात्र कार्या विचारणा।।"#विष्णुधर्मोत्तरपुराण (3.296.17)#पर्यावरण की दृष्टि से वृक्ष हमारा परम रक्षक और मित्र है। यह हमें अमृत प्रदान करता है। हमारी दूषित वायु को स्वयं ग्रहण करके हमें प्राणवायु देता है। वृक्ष हर प्रकार से पृथ्वी के रक्षक हैं, जो #मरुस्थल पर नियंत्रण करते हैं, नदियों की #बाढ़ की रोकथाम करते हैं व जलवायु को स्वच्छ रखते हैं। ये समय पर वर्षा लाने में सहायक हैं, धरती की उपजाऊ शक्ति को बढ़ाते हैं। वृक्ष ऐसे दाता हैं, जो हमें निरंतर सुख देते हैं।हमारे ऋषि-मुनि जानते थे कि #प्रकृति जीवन का स्रोत है और पर्यावरण के समृद्ध और स्वस्थ होने से ही हमारा जीवन भी समृद्ध और सुखी होता है। वे प्रकृति की #देवशक्ति के रूप में उपासना करते थे और उसे परमेश्वरी भी कहते थे। उन्होंने जीवन के आध्यात्मिक पक्ष पर गहरा चिंतन किया, पर पर्यावरण पर भी उतना ही ध्यान दिया। जो कुछ पर्यावरण के लिए हानिकारक था, उसे आसुरी प्रवृत्ति कहा और जो हितकर है, उसे दैवीय प्रवृत्ति माना।#सम्राट_अशोक, #हर्षवर्धन और #शेरशाह_सूरी ने जो राजमार्ग बनवाए थे, उनके लिए कितने ही वृक्षों की बलि चढ़ानी पड़ी थी। परंतु उन्होंने उन सड़कों के दोनों तरफ सैकड़ों नए वृक्ष भी लगवाए थे, ताकि पर्यावरण में कोई दोष न आ जाए। आज भी आप पाएंगे कि ग्रामीण समाज अपने घरों व खेतों के आसपास वृक्ष लगाते हैं। यहां वृक्षों के थाल बनाना, उनकी जड़ों पर मिट्टी चढ़ाना, सींचना, वृक्षों को पूजना अथवा आदर प्रकट करना आज भी पुण्यदायक कार्य मानते हैं। ये सारी प्रथाएं इसीलिए शुरू हुईं ताकि वृक्षों-वनस्पतियों की रक्षा होती रहे और मनुष्य इनसे मिलनेवाले लाभ का आनंद उठाता रहे।बाल वनिता महिला आश्रमहमारे शास्त्रों में पर्यावरणीय घटकों की शुद्धता के लिए हमें एक अमोघ उपाय प्रदान किया गया है। वह उपाय हैं यज्ञ। आध्यात्मिक उपासना का साधन होने के साथ साथ यज्ञ पर्यावरण को शुद्ध करने, उसे रोग और कीटाणुरहित रखने तथा प्रदूषणरहित रखने का भी साधन है।

ऐसा व्यक्ति #नर्क में नहीं जाएगा जो एक #पीपल, एक #नीम, एक #बरगद, दस #फूल वाले #पौधे अथवा #लताएं, दो #अनार, दो #नारंगी और पांच #आम के वृक्ष लगाता है। By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब "#अश्वत्थमेकं पिचुमन्दमेकं न्यग्रोधमेकं दश पुष्पजातीः। द्वे द्वे तथा दाडिममातुलिंगे पंचाम्ररोपी नरकं न याति।।"  #वराहपुराण (172.39) दस कुओं के बराबर एक #बावड़ी होती है, दस बावड़ियों के बराबर एक #तालाब, दस तालाबों के बराबर एक #पुत्र है और दस पुत्रों के बराबर एक #वृक्ष होता है  "#दशकूपसमावापी दशवापी समो ह्रदः। दशह्रदसमः पुत्रो दशपुत्रसमो द्रुमः।।" #मत्स्यपुराण (154.511-512) किसी दूसरे के द्वारा रोपित वृक्ष का #सिंचन करने से भी महान् फलों की प्राप्ति होती है, इसमें विचार करने की आवश्यकता नही है "#सेचनादपि वृक्षस्य रोपितस्य परेण तु। महत्फलमवाप्नोति नात्र कार्या विचारणा।।" #विष्णुधर्मोत्तरपुराण (3.296.17) #पर्यावरण की दृष्टि से वृक्ष हमारा परम रक्षक और मित्र है। यह हमें अमृत प्रदान करता है। हमारी दूषित वायु को स्वयं ग्रहण करके हमें प्राणवायु देता है। वृक्ष हर प्रकार से पृथ्वी के रक्...

विश्व पर्यावरण दिवस पर निबंध एवं भाषण By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब मानव और पर्यावरण एक दूसरे पर पूरी तरह से निर्भर करते है. जैसे अगर हमारी जलवायु मे थोड़ा सा भी बदलाव आता है, तो इसका असर तुरंत हमारे शरीर मे देखने को मिलता है. अगर ठंड ज्यादा पड़ती है, तो हमे सर्दी हो जाती है, अगर गर्मी ज्यादा होती है तो वह भी हम सहन नहीं कर पाते. यह तो हुई सिर्फ एक इंसान की बात.यदि हम यही चीज पूरी मानव जाती से जोडकर देखे तो नुकसान भी बड़ा होगा. कुछ समय पहले हुई त्रासदी जैसे केदार नाथ मे हुई अथाह वर्षा, आसाम की बाड़, आदि इसके उदाहरण है.Environment day | पर्यावरण दिवसविश्व पर्यावरण दिवस 2021 कब मनाया जाता है ? (World Environment Day 2021 Date )हर साल 5 जून से 16 जून (5th June TO 16th June) के बीच यह मनाया जाता है. इन दिनों हर जगह पेड़ पोधे लगाये जाते हैं, और पर्यावरण से सम्बंधित बहुत से कार्य किये जाते हैं. जिसमे 5 जून का विशेष महत्त्व होता है.सबसे जरूरी बात यह है कि आज हर मनुष्य को अपने स्तर पर पर्यावरण को संतुलित रखने के प्रयास करना चाहिए. क्योकि पर्यावरण प्रदूषण जैसी गंभीर समस्या से मुक्त होना, किसी एक समूह के बस की बात नहीं है. इस समस्या पर काबू किसी नियम या कनून को लागू करके नहीं पाया जा सकता. अगर हर कोई इसके दुषपरिणाम के बारे मे सोचे और अपनी आगे वाली पीढ़ी के बारे मे सोचे तो ही इससे निजात संभव है.विश्व पर्यावरण दिवस का विषय (World Environment Day Theme)हर साल के विश्व पर्यावरण दिवस को कुछ न कुछ विषय के साथ मनाया जाता है, और यह विषय विशेष रूप से पर्यावरण की किसी एक चिंता पर ध्यान आकर्षित करने के लिए होता है. साल 2019 में यह विषय ‘वायु प्रदूषण’ है. इस साल का यह विषय कारखानों में उपयोग होने वाली मशीनों से निकलने वाले धुएं, गाड़ियों से निकलने वाले धुएं जैसे विभिन्न कारणों से वायु को दूषित होने से रोकने के लिए चुना गया है. साथ ही हम अपने रोजमर्रा के जीवन को कैसे बदल सकते हैं, जिससे कि हम वायु प्रदूषण की मात्रा को कम कर सकें, और ग्लोबल वार्मिंग एवं इससे अपने स्वास्थ्य पर होने वाले दुष्प्रभावों को कैसे विफल कर सकें. इस पर विशेष ध्यान दिया जायेगा. विश्व पर्यावरण दिवस का विषयविश्व पर्यावरण दिवस हर साल एक विषय के अनुसार आयोजित किया जाता है, जो विशेष रूप से पर्यावरणीय चिंता पर ध्यान केन्द्रित करता है. इस साल का विश्व पर्यावरण दिवस का विषय “प्लास्टिक प्रदूषण को ख़त्म करना” है. इस साल का यह विषय सरकारों, उद्योगों, समुदायों और व्यक्तियों को एक साथ आने और प्लास्टिक के खतरे से लड़ने के लिए अच्छे विकल्पों का पता लगाने का आग्रह करता है. प्लास्टिक का उपयोग स्वास्थ्य के लिए खतरों से खाली नहीं है, एवं मुख्य रूप से यह समुद्र को दूषित करता है, जोकि जल में रहने वाले जीवों के लिए हानिकारक है. इस साल के विषय को लाने का मुख्य उद्देश्य इससे फैलने वाले प्रदूषण को कम करना है.विश्व पर्यावरण दिवस 2019 का मेजबान देशविश्व पर्यावरण दिवस को दुनिया भर में पर्यावरण के प्रति लोगों में जगरूकता फ़ैलाने के लिए मनाया जाता है. इसलिए हर साल कोई एक देश इसकी जिम्मेदारी लेता है, और फिर वहां अधिकारिक समारोह आयोजित किया जाता है. मेजबान देश पर ध्यान केन्द्रित करने से पर्यावरणीय चुनौतियों का सामना करने में मदद मिलती है. इस साल यानि सन 2019 में विश्व पर्यावरण दिवस मनाने के लिए मेजबानी करने वाला देश चीन है. चीन को इस साल विश्व पर्यावरण दिवस के लिए मेजबान देश इसलिए बनाया गया है क्योंकि चीन अपने बढ़ते ग्रीन एनर्जी सेक्टर के साथ एक जलवायु लीडर के रूप में उभरा है. विश्व पर्यावरण दिवस 2019 की मेजबानी करके चीन सरकार अपने इनोवेशन और एक स्वच्छ पर्यावरण की दिशा में प्रगति करने में सक्षम होगी. विश्व पर्यावरण दिवस को मनाने का तरीका (World Environment Day Events)चीन की सरकार ने मुख्य कार्यक्रम की मेजबानी करने के लिए झेजियांग प्रान्त के हैंगज्होऊ के साथ ही कई शहरों में विश्व पर्यावरण दिवस समारोह कार्यक्रम को आयोजित करने के लिए प्रतिबद्धता दिखाई है. इन कार्यक्रम के माध्यम से चीन द्वारा लोगों को वायु प्रदूषण के कारण होने वाली मृत्यु दर को कम करने और उन्हें अपनी जान बचाने के लिए प्रेरित किया जायेगा.हर साल वायु प्रदूषण के चलते लोग शुद्ध हवा नहीं ग्रहण करने की वजह से मर रहे हैं. और इस आंकडें में दिन प्रतिदिन वृद्धि होती जा रही है. ऐसे में हर साल विश्व पर्यावरण दिवस सरकारों, उद्योगों और व्यक्तियों से आग्रह करने के लिए मनाया जाता है कि नई ऊर्जा और ग्रीन टेक्नोलॉजीज का पता लगाते हुए दुनिया भर के शहरों और क्षेत्रों में वायु की गुणवत्ता में सुधार किया जायें. और यही हर साल इस दिवस को मनाए जाने का मुख्य उद्देश्य भी होता है.विश्व पर्यावरण दिवस के कुछ सुविचार, शायरी (World Environment Day Quotes)पानी H2O है, जिसमें हाइड्रोजन 2 भाग़ और ऑक्सीजन 1 भाग है, लेकिन इसमें एक तीसरी चीज भी है जो इसे पानी बनाती है और कोई भी नहीं जानता कि वह क्या है.पृथ्वी हमारी माँ हैं, हमारे द्वारा हमारी माँ को नुकसान पहुँचाने के बावजूद भी वह हमें हमेशा के लिए प्यार करेगी.पर्यावरणीय रूप से अनुकूल कार, जल्द ही एक विकल्प बन जाएगी और साथ ही वह एक आवश्यकता भी बन जाएगी.स्पेसशिप अर्थ पर कोई यात्री नहीं है, हम सभी चालक दल हैं.प्रकृति हमारे लिए चित्रकारी कर रही है, जोकि हर दिन बाद अनंत सौन्दर्य की तस्वीरें दिखाती है.यह प्रदूषण नहीं जो पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहा है, यह हमारी हवा और पानी में अशुद्धता है जो इसे कर रही है.यह हमारा कर्तव्य है कि पर्यावरण की सुंदरता को सुक्षित रखें.पृथ्वी की एक त्वचा है जिसमे कई बीमारियाँ हैं, इन बिमारियों में से एक को मनुष्य कहा जाता है.यदि पाषाण युग से सभ्यता बढ़ी है, तो रद्दी कागज के युग से फिर से उभर सकती है.यह सूर्य नहीं है जो पौधों को मौत के लिए सुखाता है लेकिन वह आदमी है जो धीरे – धीरे पेड़ों को मार देता है. विश्व पर्यावरण दिवस पर नारे (World Environment Day Slogan)ग्लोबल वार्मिंग : हमारे पास एक समाधान है, प्रदूषण रोको.पर्यावरण बचाओ, जिससे आप अपने जीवन और भविष्य को बचा पाएंगे.मनुष्य की जरुरत के लिए दुनिया में क्षमता है, लेकिन मनुष्य के लालच के लिए नहीं.आज शुरू करो… कल सुरक्षित होगा. हमारी जलवायु को साफ करो.प्रदूषण रोकना सबसे अच्छा समाधान है.पर्यावरण हमारे लिए एक इनाम है, इसे साफ़ और सुरक्षित रखो.पर्यावरण सब कुछ है, इसे ख़राब मत करो.हरियाली को अपनाये, लेकिन बुरी आदतों को छोड़ दें.खुशनुमा मौसम लाने के लिए मिलकर काम करें.पौधों का नहीं खाने का उपभोग करो : पेड़ और जंगलों को मत काटो.पर्यावरण को अपना दुश्मन नहीं दोस्त बनाओं.पृथ्वी हमारा घर है, और पर्यावरण इसकी छत, दोनों को सुरक्षित रखो.हरियाली के साथ समझौता मत करो, यह पर्यावरण की आत्मा है.हरियाली एक प्राकृतिक दृश्य है, इसे हमेशा के लिए बनाये रखें.पर्यावरणीय स्वास्थ्य के खतरों को रोकने के लिए प्रतिदिन विश्व पर्यावरण दिवस मनाएं, और एक पेड़ लगायें. पर्यावरण की परिभाषा / पर्यावरण क्या है ? ( Environment Definition)साधारण तौर पर सोचे तो पर्यावरण से तात्पर्य हमारे चारो ओर के वातावरण और उसमे निहित तत्वो और उसमे रहने वाले प्राणियों से है. हम अपने चारो ओर उपस्थित वायु, भूमि, जल, पशु पक्षी, पेड़ पौधे आदि को अपने पर्यावरण मे शामिल करते है.ध्यान रखने योग्य बात यह है कि पर्यावरण (Environment) से तात्पर्य केवल हमारे आस पास के भौतिक पर्यावरण से नहीं है, बल्कि हमारा सामाजिक (social) और व्यवहारिक (cultural) वातावरण भी इसमे शामिल है. मानव के आस पास उपस्थित सोश्ल, कल्चरल, एकोनोमिकल, बायोलॉजिकल, और फ़िज़िकल आदि सभी तत्व जो मानव को प्रभावित करते है, उसके पर्यावरण मे शामिल होते है.पर्यावरण प्रदुषण के प्रकार जल प्रदुषणथल प्रदुषणवायु प्रदुषणध्वनी प्रदुषणपर्यावरण प्रदुषण के कारण कारखानों से निकलने वाला धुँआनदी-तालाब में गन्दा पानी डालनाघर-उद्योग की गन्दगी को खुले में फेंकनातेज आवाज में लाउडस्पीकर बजानापर्यावरण रोकने के उपाय जनसँख्या नियंत्रणकारखानों का शहर से दूर होना व चिमनी की ऊंचाई बढ़ानादो पहिया वाहनों में अच्छा आयल डालें, जिससे वे काला धुँआ न छोड़ेवृक्षारोपण अधिक करेंकचरा को उसके डब्बे में ही डालेंवायु प्रदूषण क्या होता है ? एवं उसकी जानकारी (What is Air Pollution ? and its Details)जब वातावरण में यानि वायु में विषाक्त पदार्थ मिल जाते हैं जोकि मानव स्वास्थ्य और समग्र रूप से प्लानेट के लिए हानिकारक होते है तब उसे हम वायु प्रदूषण कहते हैं.वायु प्रदूषण के कारण (Air Pollution Causes)वायु प्रदूषण विभिन्न कारणों से होता हैं जोकि इस प्रकार है –घरेलू :- घरेलू वायु प्रदूषण का मुख्य स्त्रोत जीवाश्म ईंधन, लकड़ी और अन्य बायोमास – आधारित ईंधन के माध्यम से खाना पकाना. लगभग 3.8 मिलियन अकाल मृत्यु हर साल घरेलू वायु प्रदूषण के कारण होती है.उद्योग :- कई देशों में ऊर्जा उत्पादन वायु प्रदूषण का एक प्रमुख स्त्रोत हैं. जिसमें कोयला जलाने वाले बिजली संयंत्रों का एक बड़ा योगदान होता है, ऐसे में डीजल जनरेटर जैसे उत्पाद के कारण ऑफ़ – ग्रिड क्षेत्रों में यह एक चिंता बढ़ गई है.परिवहन :- ग्लोबल परिवहन क्षेत्र में लगभग एक चौथाई ऊर्जा कार्बन डाइऑक्साइड की उत्सर्जित होती है, और यह अनुपात लगातार बढ़ता जा रहा है. जिससे इससे होने वाली मृत्यु की दर भी बढ़ती जा रही है.कृषि :- कृषि से संबंधित वायु प्रदूषण के दो प्रमुख स्त्रोत है, पहला पशुधन जो मीथेन और अमोनिया का उत्पादन करते हैं, और दूसरा है कृषि के अपशिष्ट को जलाना. दुनिया भर में उत्सर्जित होने वाली सभी ग्रीन हाउस गैसों का लगभग 24 प्रतिशत कृषि, वन एवं अन्य भूमि के उपयोग में आता है. जिसके कारण वायु प्रदूषण होता है.अपशिष्ट :- खुले में अपशिष्ट का जलना एवं लैंडफिल में आर्गेनिक अपशिष्ट हानिकारक डाइऑक्सिन, फुरान, मीथेन और ब्लैक कार्बन वायुमंडल में उत्सर्जित करते हैं. जिसके कारण वायुमंडल में वायु में इस तरह के विषाक्त पदार्थ मिल जाते हैं. विश्व स्तर पर, अनुमानित 40 प्रतिशत अपशिष्ट खुले तौर पर जलाया जाता है.अन्य स्त्रोत :- वायु प्रदूषण न केवल मानव गतिविधियों के कारण होता है बल्कि कुछ कारण जैसे ज्वालामुखी का फटना, धुल भरी आंधी एवं अन्य प्राकृतिक प्रक्रियाएं भी हैं जोकि इस समस्या का कारण बन सकती हैं. इसमें विशेष रूप से रेत और धुल के कणों का वायु में मिलना है. वायु प्रदूषण को कम करने के उपाय (Solutions to Reduce Air Pollution)यदि हम कम गैसोलीन जलाते हैं तो इससे बेहतर वायु प्रदूषण ओर जलवायु परिवर्तन के हानिकारक प्रभावों को कम करने में मदद मिलेगी.परिवहन के लिए अच्छे विकल्प बना सकते हैं जैसे यदि आप पैदल चल सकते हैं तो पैदल चलें, बाइक चलायें या सावर्जनिक परिवहन का उपयोग करें. ड्राइविंग के लिये ऐसी कारों का चयन करें जो प्रति गैलन बेहतर मिल्स प्राप्त करें या आप इलेक्ट्रिक कार का चयन करें तो और भी बेहतर होगा.आप अपने बिजली प्रोवाइडर विकल्प की भी जाँच कर सकते हैं. और यह अनुरोध कर सकते हैं कि आपकी बिजली की आपूर्ति हवा या सौर द्वारा की जाएँ.इसके अलावा आप अपने घर में भोजन पकाने के लिए जीवाश्म ईंधन या लड़की आदि को जलाने के बजाय एलपीजी गैस सिलिंडर या इलेक्ट्रिक गैस यानि इंडक्शन गैस का उपयोग करें जिससे वायु प्रदूषण को रोकना आसान होगा.सबसे महत्वपूर्ण आपके देश में स्वच्छ वायु, पानी और जलवायु परिवर्तन पर जिम्मेदार कदम उठायें जाने के लिए सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का समर्थन करें.इस सब के साथ ही वायु प्रदूषण से अपने स्वास्थ्य को बचाने के लिए आप इस बात पर ध्यान दें कि जैसे जब भी आप व्यायाम करने जाते हैं तो आप भारी ट्रैफिक वाली सड़कों से दूर रहें. और यदि बाहर का मौसम खराब है तो अपने घर की खिड़कियाँ बंद रखें, और घर के अंदर रहें. सनस्क्रीन लगायें, क्योंकि जब पराबैंगनी किरणें कमजोर ओजोन परत के माध्यम से आती हैं तो यह त्वचा को नुकसान पहुंचा सकती हैं यहाँ तक कि त्वचा कैंसर का कारण भी बन सकती हैं.इस तरह से आप वायु प्रदूषण से बचने के लिए ऊपर दिए हुए उपायों को अपना कर खुद को एवं वायुमंडल को स्वच्छ एवं स्वस्थ रख सकते हैं. पर्यावरण प्रदूषण के कारण ( Environment Pollution Cause)देखा जाए तो पर्यावरण प्रदूषण के कई कारण है. हमारे द्वारा की गयी छोटी छोटी बिना सोचे समझे की जाने वाली हरकते पर्यावरण प्रदूषण का कारण हो सकती है. हम यहाँ कुछ मुख्य गतिविधियो पर प्रकाश डाल रहे है.इंडस्ट्रियल एक्टिविटी : इंडस्ट्रियल एक्टिविटी मतलब मानव द्वारा निर्मित इंडस्ट्रीज़ (फैक्ट्री) से निकलने वाले अवशेष हमारे पर्यावरण को प्रदूषित करते है. परंतु यह भी संभव नहीं है कि इस विकास की दौड़ मे हम अपने पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिए अपने विकास को नजर अंदाज कर दे. पर हम कुछ बातो का ध्यान रखकर अपने पर्यावरण को ज्यादा हानी से बचा सकते है. कारखानो की चिमनिया ऊची लगवाकर हम वायु प्रदूषण से भी बच कर सकते है और भी कई मानक है जो की कारखानो के लिए तय किए गए है, उन्हे फॉलो करके पर्यावरण प्रदूषण को काफी हद तक काबू किया जा सकता है. परंतु अगर कोई भी लापरवाही यदि किसी कारखाने द्वारा की जाती है तो इसके भयावह परिणाम सामने आते है, भोपाल गैस त्रासदी इसका ही उदाहरण है.वाहनो के धुए से होने वाला प्रदूषण : आज कल घर मे जितने सदस्य होते है, उससे ज्यादा वाहन घर मे उपस्थित रहते है. घर का छोटा बच्चा भी साइकल के अलावा गाड़ी चलाना पसंद करता है. आज कल के जमाने मे अगर कोई पैदल चलता हुआ सड़क पर दिख जाए तो लोग आश्चर्य की दृष्टि से उसे देखते है. सेहत को सही रखने के डर से मॉर्निंग वॉक पर तो लोग जाते है परंतु अगर उन्ही लोगो को यदि पैदल ऑफिस जाने को कहे, तो वे कभी तैयार नहीं होंगे. ऐसे लोगो को मैं कहना चहुंगी कि अपनी सेहत के साथ साथ पर्यावरण की सेहत का ध्यान रखना भी आपका ही कर्तव्य है. अगर आप पैदल नहीं चल सकते तो कम से कम इस बात का तो ध्यान रखे, कि अपने वाहनो मे क्लीन ईंधन का इस्तेमाल करे ताकि कम धुआ निकले और पर्यावरण कम प्रदूषित हो.शहरी कारण और आधुनिकरण : शहरीकरण और आधुनिकरण पर्यावरण प्रदूषण के मुख्य कारण है. मनुष्य का अपनी सुख सुविधाओ की होड मे पर्यावरण को नजर अंदाज करना आम हो गया है. मनुष्य बिना सोचे समझे ही पेड़ो की कटाई कर रहा है. इसका एक उदाहरण मेरे ही शहर मे देखने को मिला, जब यहा उपस्थित अधिकारियों ने शहर को सुंदर बनाने के लिए हरे भरे बगीचे उजाड़ दिये थे और शहर की पहचान बन चुके पेड़ो को बिना सोचे समझे काट दिया. परंतु वे शायद ये भूल जाते है कि हमारा जीवन जीने के लिए आवश्यक वायु इन्ही पेड़ो से मिलती है. छोटे छोटे पेड़ो के साथ साथ बड़े बड़े जंगलो का कटना भी आज कल आम बात है, परंतु जंगलो को काटने वाले भूल जाते ही की जंगलो की कटाई के साथ साथ वे कई जीवो का आवास झीन लेते है.जनसंख्या घनत्व : बढती हुई आबादी भी पर्यावरण प्रदूषण का मुख्य कारण है. जिस देश मे जनसंख्या लगातार बढ रही है, वह रहने खाने की की समस्या भी लगातार बढ़ रही है. और अपनी सुख सुविधाओ के लिए मानव पर्यावरण को कोई महत्त्व नहीं देता, परंतु वह यह भूल जाता है कि बिना पर्यावरण के उसकी सुख सुविधाए कुछ समय के लिए ही है.पर्यावरण संरक्षण उपाय (Paryavaran sanrakshan Upay) वैसे तो ऐसी कोई तेज़ तकनीक नहीं है, जिससे कि पर्यावरण प्रदूषण पर तुरंत काबू पाया जा सके. परंतु मनुष्य अपने छोटे छोटे प्रयासो से इस समस्या को कम जरूर कर सकता है. यहा हम कुछ बाते बताना चाहेंगे जिनका खयाल रखकर शायद पर्यावरण प्रदूषण पर काबू पाया जा सकता है.आज तक जो कारखाने स्थापित हो चुके है, उन्हे उठाकर कही और शिफ्ट करना तो संभव नहीं है, परंतु अब सरकार को यह ध्यान रखना जरूरी है कि जो नये कारखाने खुले वो शहर से दूर हो. उनके द्वारा किया गया प्रदूषण शहर की जनता को प्रभावित न करे.मनुष्य को जितना हो सके अपने द्वारा किए गए प्रदूषण पर काबू पाना चाहिए, जैसे जहा संभव हो वाहनो का उपयोग कम करे पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करके भी इस समस्या को कम करने मे कुछ योगदान किया जा सकता है. हमारे वैज्ञानिको को भी इस हानिकारक धुए पर कैसे काबू पाया जाए, इस दिशा मे विचार करना चाहिए.जंगलो की कटाई पर कड़ी सजा दी जानी चाहिए तथा नये पेड़ो को लगाए जाने वाले व्यक्ति को रिवार्ड देना चाहिए.कारखानो के हानिकारक पदार्थ को रिफ्रेश करके उसे किया जा सकता है, तो ईएसए करना चाहिए.पर्यावरण पर कविता (Environment Poem)पेड़ काटने वाले काट गएक्या सोचा था एक पल कोवो किसी ,परिंदे का घर उजाड़ गयेक्या सोचा था एक पल कोवो धरती की मजबूत पकड़ उखाड़ गयेकितने ही एकड़ को, वो बंजर बना गएमौसम का मंजर, एक पल में हिला गयेन करो पर्यावरण का निरादर,ये धरती का अपमान हैंहर एक पेड़ पौधा और जिव जंतु,इस धरती का सम्मान हैंअगर करोगे खिलवाड़ संतुलन से,तो भविष्य में सिर्फ गहरा अंधकार हैंबाल वनिता महिला आश्रम

विश्व पर्यावरण दिवस पर निबंध एवं भाषण By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब मानव और पर्यावरण एक दूसरे पर पूरी तरह से निर्भर करते है. जैसे अगर हमारी जलवायु मे थोड़ा सा भी बदलाव आता है, तो इसका असर तुरंत हमारे शरीर मे देखने को मिलता है. अगर ठंड ज्यादा पड़ती है, तो हमे सर्दी हो जाती है, अगर गर्मी ज्यादा होती है तो वह भी हम सहन नहीं कर पाते. यह तो हुई सिर्फ एक इंसान की बात. यदि हम यही चीज पूरी मानव जाती से जोडकर देखे तो नुकसान भी बड़ा होगा. कुछ समय पहले हुई त्रासदी जैसे केदार नाथ मे हुई अथाह वर्षा, आसाम की बाड़, आदि इसके उदाहरण है. विश्व पर्यावरण दिवस 2021 कब मनाया जाता है ? (World Environment Day 2021 Date ) हर साल 5 जून से 16 जून (5th June TO 16th June) के बीच यह मनाया जाता है. इन दिनों हर जगह पेड़ पोधे लगाये जाते हैं, और पर्यावरण से सम्बंधित बहुत से कार्य किये जाते हैं. जिसमे 5 जून का विशेष महत्त्व होता है. सबसे जरूरी बात यह है कि आज हर मनुष्य को अपने स्तर पर पर्यावरण को संतुलित रखने के प्रयास करना चाहिए. क्योकि पर्यावरण प्रदूषण जैसी गंभीर समस्या से मुक्त होना, किसी एक समू...

पर्यावरण है हम सबकी जान, इसलिए करो इसका सम्मान। By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाबप्रकृति का मत करो शोषण, सब मिलकर बचाओ पर्यावरण।पशु-पक्षी हैं धरती की शान, और पेड़ हैं धरती की जान।पेड़-पौधे हैं मानव के लिए वरदान, मत करो इनका अपमान।हर बच्चे को सिखाओ पर्यावरण की रक्षा का सबक।पर्यावरण पर है सबका हक, इसलिए इसकी रक्षा भी है सबका कर्तव्य।पर्यावरण को नुकसान पहुँचाने का हक किसी को नहीं है, क्योंकि पर्यावरण का नुकसान है जीवन का अपमान।जहाँ न पेड़-पौधे हैं, न चिड़िया है, न हरियाली है, वहाँ जीवन केवल एक बोझ है।प्रकृति हमसे कुछ नहीं मांगती है, वह बस हमें देती जाती है। लेकिन लालच करने पर वह हमें दंड भी देती है।प्रकृति अपना अपमान कभी बर्दाश्त नहीं करती है।आप सभी को मूर्ख बना सकते हैं, लेकिन आप पर्यावरण को मूर्ख नहीं बना सकते हैं।मानव प्रकृति का बिल्कुल भी सम्मान नहीं करता है, क्योंकि वह स्वार्थी हो गया है।पकृति पहले हमें चेतावनी देती है, और जब हम चेतावनी के बाद भी नहीं सुधरते हैं… तो वह हमारा सर्वनाश कर देती है।पृथ्वी और प्रकृति आने वाली पीढ़ियों के धरोहर होते हैं। और हमें दूसरों के धरोहर की रक्षा करनी चाहिए।जब आर्थिक विकास पर्यावरण के हितों की अनदेखी करके किया जाता है, तो वह विकास राष्ट्र के लिए मुसीबतें खड़ी करता है।जिस दिन पृथ्वी में पर्यावरण नहीं होगा, उस दिन पृथ्वी में जीवन भी नहीं होगा।जबतक मानव अपना कर्तव्य नहीं समझेगा, तबतक पर्यावरण पर खतरा मंडराता हीं रहेगा।जबतक हरियाली है, तभी तक भविष्य है। जब हरियाली नहीं होगी तो कोई भविष्य भी नहीं होगा।अपने जन्मदिन पर एक पेड़ जरुर लगाएँ। मरने से पहले कम-से-कम 100 पेड़ जरुर लगाएँ।अगर मनुष्य उड़ सकता तो वह आसमान को भी प्रदूषित कर देता।सौर उर्जा भविष्य का उर्जा स्रोत है।मानव भी अजीब है, जो पहले पर्यावरण को नुकसान पहुँचाता फिर पर्यावरण संरक्षण के लिए योजनाएँ बनाता है।जब पक्षी खतरे में होंगे, तो मानव भी खतरे से ज्यादा दूर नहीं होगा।जैसे-जैसे प्रकृति को नुकसान पहुँचता जायेगा, मनुष्य की स्वास्थ्य सम्बन्धित समस्याएँ भी बढ़ती जाएँगी।वह व्यक्ति जो कृत्रिम जीवन जीने का आदि हो चुका है और प्रकृति से दूर हो चुका है। वह व्यक्ति ककभी स्वस्थ्य नहीं रह सकता है।जो चीजें मधुमखियों को नुकसान पहुंचाती है, वो मानव को भी नुकसान पहुंचाती है।प्रकृति सभी जीवों की माँ है, इसलिए कोई भी जीव प्रकृति से बड़ा नहीं हो सकता है। लेकिन मानव खुद को प्रकृति से बड़ा समझने लगा है।जन-जन तक संदेश पहुंचाना है,पर्यावरण को बचाना है।(2)पर्यावरण की रक्षा,देश की रक्षा।(3)सुरक्षित रहेगा पर्यावरण हमारा,तब सुरक्षित होगा जीवन हमारा।(4)सबको मिलकर आना है,पर्यावरण का महत्व समझाना है।(5)सुरक्षित और स्वच्छ पर्यावरण,यही हमारे जीवन का आवरण।यह भी पढ़ें – योग पर नारे – Yoga Slogan in Hindi(6)कण-कण करता है यही पुकार,पर्यावरण बचाओ पर्यावरण बचाओ।(7)daal daal paat paat paryavaran ki surksha hmare hathडाल-डाल पात-पात,पर्यावरण की सुरक्षा हमारे हाथ।(8)सोच बदलो, देश बदलो,पर्यावरण को संरक्षित कर लो।(9)पर्यावरण के प्राण है खतरे में,बचा लो इसे दे दो नया जीवनदान इसे।(10)धरती की सुनो पुकार,पेड़ लगाओ पर्यावरण बचाओ।(11)जागरूक देश की एक ही पहचान,पर्यावरण को ना हो कोई नुकसान।(12)हाथ से हाथ मिलाओ, ढेर सारे पेड़ लगाओ, पर्यावरण बचाओ।(13)जीवन का एक ही सहारा,सबसे प्यारा पर्यावरण हमारा।(14)hum sab ne yah thana h, parkrti ko bachana hहम सब ने यह ठाना है,प्रकृति को अब बचाना है।Paryavaran Par Slogan(15)गांव-गांव तक संदेश पहुंचाएंगे,पर्यावरण को अब हम सब बचाएंगे।(16)पेड़ करते है प्रकृति की सुरक्षा,आओ हम सब मिलकर करें इनकी रक्षा।(17)पर्यावरण दिवस पर दान करें,एक पेड़ लगाकर महान बने।(18)आओ मिलकर कुछ काम करें,पर्यावरण को सुरक्षा प्रदान करें।(19)धरती-अंबर करते पुकार,पर्यावरण की सुरक्षा करो अपार।यह भी पढ़ें – तम्बाकू छोड़ो पर स्लोगन – Anti Tobacco Slogans in Hindi(20)पर्यावरण है अनमोल,इसका नहीं है कोई मोल।(21)paryavaran bachao, dhrti ko sundar banaoपर्यावरण बचाओ,धरती को स्वर्ग सा सुंदर बनाओ।(22)बच्चे-बूढ़े, नौजवान,पर्यावरण की सुरक्षा सबका काम।(23)पर्यावरण है प्रकृति का अनमोल उपहार,इसे कभी ना खोना।(24)एक दो तीन चार,पेड़ हमारे जीवन का आधार।(25)मत करो प्रकृति का शोषण,नहीं तो जीवन मुश्किल में पड़ जाएगा।(26)बात सुनो बात सुनो, प्रकृति की पुकार सुनो, पर्यावरण बचाओ।(27)प्रकृति को जो क्षति पहुंचाएगा,उसका जीवन नरक बन जाएगा।(28)अच्छे जीवन का एक ही आधार,प्रकृति का हो सम्मान।(29)पेड़ लगाएं,खुशहाल जीवन पाए।Slogan on Save Environment in Hindi(30)प्रकृति की हरियाली,खुशियों की ताली।(31)पेड़ लगाओ,पर्यावरण बचाओ।(32)प्रकृति को दो नया उपहार,चारों ओर पेड़ लगाओ।(33)पर्यावरण हुआ बेहाल,पेड़ लगाओ करो उपचार।(34)चारों ओर सन्नाटा है,प्रकृति बिना ना दाल है ना आटा है।(35)पेड़ लगाओ,अपनी जिम्मेदारी निभाओ।(36)प्रदूषण हटाओ,पर्यावरण बचाओ।(37)अलख जगाओ, पेड़ लगाओ, पर्यावरण बचाओ।(38)प्रकृति का मत करो शोषण,यही करती है हमारा पोषण।(39)आवाज उठाओ,पर्यावरण बचाने की मुहिम चलाओ।(40)बच्चा-बच्चा करता पुकार,पर्यावरण बचाओ धरती बचाओ।(41)पर्यावरण बचाओ,बदले में स्वच्छ और सुंदर प्रकृति पाओ।पेड़-पौधे हमें मुफ्त में ऑक्सिजन देते हैं, इसलिए ढेर सारे पड़े लगाओ। क्योंकि जब एक गैस का सिलेंडर खरीदने में इतने पासे लगते हैं, तो सोचो अगर ऑक्सिजन का सिलेंडर साँस लेने के लिए खरीदना पड़ेगा तो क्या होगा ?न जल को प्रदूषित करो, न वायु को और न वातावरण को।बाल वनिता महिला आश्रममुफ्त की चीज समझकर मत करना कभी प्रकृति का अपमान।

पर्यावरण है हम सबकी जान, इसलिए करो इसका सम्मान। By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब प्रकृति का मत करो शोषण, सब मिलकर बचाओ पर्यावरण। पशु-पक्षी हैं धरती की शान, और पेड़ हैं धरती की जान। पेड़-पौधे हैं मानव के लिए वरदान, मत करो इनका अपमान। हर बच्चे को सिखाओ पर्यावरण की रक्षा का सबक। पर्यावरण पर है सबका हक, इसलिए इसकी रक्षा भी है सबका कर्तव्य। पर्यावरण को नुकसान पहुँचाने का हक किसी को नहीं है, क्योंकि पर्यावरण का नुकसान है जीवन का अपमान। जहाँ न पेड़-पौधे हैं, न चिड़िया है, न हरियाली है, वहाँ जीवन केवल एक बोझ है। प्रकृति हमसे कुछ नहीं मांगती है, वह बस हमें देती जाती है। लेकिन लालच करने पर वह हमें दंड भी देती है। प्रकृति अपना अपमान कभी बर्दाश्त नहीं करती है। आप सभी को मूर्ख बना सकते हैं, लेकिन आप पर्यावरण को मूर्ख नहीं बना सकते हैं। मानव प्रकृति का बिल्कुल भी सम्मान नहीं करता है, क्योंकि वह स्वार्थी हो गया है। पकृति पहले हमें चेतावनी देती है, और जब हम चेतावनी के बाद भी नहीं सुधरते हैं… तो वह हमारा सर्वनाश कर देती है। पृथ्वी और प्रकृति आने वाली पीढ़ियों के धरोहर होते हैं। और हम...

नमो नमो मोर्चा भाजपा श्री मती वनिता कासनियां परदेस अध्यक पंजाब

World Environment Day 2021: विश्व पर्यावरण दिवस आज, लोगों को जागरुक करने के लिए भेजें ये खास मैसेज By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब दुनियाभर में हर साल 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है. यह दिवस मनाने का उद्देश्य पर्यावरण के महत्व को बताना है. दुनियाभर में पर्यावरण ने हमें जो कुछ भी दिया है, उसका सम्मान करने और इसकी रक्षा करने प्रतिज्ञा लेने के लिए इसे मनाया जाता है. World Environment Day 2021: विश्व पर्यावरण दिवस आज, लोगों को जागरुक करने के लिए भेजें ये खास मैसेज पंजाब: पर्यावरण के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए दुनियाभर में हर साल 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है. इस दिन लोगों को बताया जाता है कि हमें प्रकृति का सम्मान करना चाहिए. कोरोना वायरस से दुनिया के कई देशों में लॉकडाउन के बीच मानवीय गतिविधियों में कमी से प्रकृति को खुद को क्लीन करने समय मिला है. विश्व पर्यावरण दिवस मनाने के पीछे मुख्य विचार पर्यावरण के महत्व को बताना है. दुनियाभर में पर्यावरण ने हमें जो कुछ भी दिया है, उसका सम्मान करने और इसकी रक्षा करने प्रतिज्ञा लेन...

🚩🥀🌹५ जून २०२१🚩🥀🌹🚩🥀🌹पूरे भारतवर्ष में सर्वाधिक लोकप्रिय मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश🏵️ 🕉🏵️प्रात: स्मरणीय परम पूज्य संत हिन्दू हृदय सम्राट ,महाराज गोरक्ष पीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ जी महाराज के अवतरण दिवस पर हार्दिक बधाई एवं मंगलमय शुभकामनाएं🍁आप का अवतरण दिवस भी पर्यावरण संरक्षण के रूप में लोक कल्याण के काम आता है धन्य धन्य है हम ऐसे अपने मुखिया को पाकर नमो नमो मोर्चा भाजपा श्री मती वनिता कासनियां पंजाब परदेस अध्यकl🚩🥀🌹🚩सुदिनम सुदिनम जन्म दिनम🚩 🍁🌷🍁भवतु मंगलम जन्मदिन 🍁🌷🚩🕉🍁जन्मदिन की हार्दिक शुभेच्छा🚩🥀्🌹❤️❤️मनुष्य का प्रकृति से अटूट सम्बंध है। #प्रकृति व पर्यावरण संरक्षण हम सबकी जिम्मेदारी भी है और कर्तव्य भी।‬#‪मोदी सरकार ने इस दिशा में अनेकों प्रयासों से समाज में #जागृति लाने का अभूतपूर्व कार्य किया है। आइए, 'विश्व पर्यावरण दिवस' पर प्रकृति संरक्षण के प्रति सजग बनकर अपना योगदान दें🌳🌳🌳🌳🌳🌳🌳🌳🌳🌳🌳🌳🌳🌳#आओ धरती का करें श्रृंगार🌳वृक्ष लगाएं🌳सूबे के मुखिया,हिन्दू हृदय सम्राट, सनातनी संरक्षक,आदरणीय योगी आदित्यनाथ जी महाराज जी के जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं। 70 साल के इतिहास में ऐसा मुख्यमंत्री जो बिना तुष्टिकरण किये, उपद्रवियों के पोस्टर चौराहों पर लगा कर उनकी भाषा मे जबाब देते है अपराध मुक्त उत्तर प्रदेश बनाने वाले इकलौते मुख्यमंत्री जी को बारम्बार बधाई।

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विश्व पर्यावरण दिवस : क्या आप जानते हैं इतिहास... By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब विश्व पर्यावरण दिवस संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रकृति को समर्पित दुनियाभर में मनाया जाने वाला सबसे बड़ा उत्सव है। पर्यावरण और जीवन का अटूट संबंध है फिर भी हमें अलग से यह दिवस मनाकर पर्यावरण के संरक्षण, संवर्धन और विकास का संकल्प लेने की आवश्यकता है। यह बात चिंताजनक ही नहीं, शर्मनाक भी है। recommended byMgidMgidINSULUXडायबिटीज का असली दुश्मन मिल गया है। शर्करा का स्तर 4 पर आ जाता हैऔर जानें पर्यावरण प्रदूषण की समस्या पर सन् 1972 में संयुक्त राष्ट्र संघ ने स्टॉकहोम (स्वीडन) में विश्व भर के देशों का पहला पर्यावरण सम्मेलन आयोजित किया। इसमें 119 देशों ने भाग लिया और पहली बार एक ही पृथ्वी का सिद्धांत मान्य किया। विज्ञापन इसी सम्मेलन में संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) का जन्म हुआ तथा प्रति वर्ष 5 जून को पर्यावरण दिवस आयोजित करके नागरिकों को प्रदूषण की समस्या से अवगत कराने का निश्चय किया गया। तथा इसका मुख्य उद्देश्य पर्यावरण के प्रति जागरूकता लाते हुए राजनीतिक चेतना जागृत करना और आम जनता को प्रेरित करना था। उक्त गोष्ठी में तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी ने 'पर्यावरण की बिगड़ती स्थिति एवं उसका विश्व के भविष्य पर प्रभाव' विषय पर व्याख्यान दिया था। पर्यावरण-सुरक्षा की दिशा में यह भारत का प्रारंभिक कदम था। तभी से हम प्रति वर्ष 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाते आ रहे हैं। पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 19 नवंबर 1986 से पर्यावरण संरक्षण अधिनियम लागू हुआ। उसके जल, वायु, भूमि - इन तीनों से संबंधित कारक तथा मानव, पौधों, सूक्ष्म जीव, अन्य जीवित पदार्थ आदि पर्यावरण के अंतर्गत आते हैं।

विश्व पर्यावरण दिवस : क्या आप जानते हैं इतिहास, By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब विश्व पर्यावरण दिवस संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रकृति को समर्पित दुनियाभर में मनाया जाने वाला सबसे बड़ा उत्सव है। पर्यावरण और जीवन का अटूट संबंध है फिर भी हमें अलग से यह दिवस मनाकर पर्यावरण के संरक्षण, संवर्धन और विकास का संकल्प लेने की आवश्यकता है। यह बात चिंताजनक ही नहीं, शर्मनाक भी है।  recommended by INSULUX डायबिटीज का असली दुश्मन मिल गया है। शर्करा का स्तर 4 पर आ जाता है और जानें   पर्यावरण प्रदूषण की समस्या पर सन् 1972 में संयुक्त राष्ट्र संघ ने स्टॉकहोम (स्वीडन) में विश्व भर के देशों का पहला पर्यावरण सम्मेलन आयोजित किया। इसमें 119 देशों ने भाग लिया और पहली बार एक ही पृथ्वी का सिद्धांत मान्य किया।  विज्ञापन   इसी सम्मेलन में संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) का जन्म हुआ तथा प्रति वर्ष 5 जून को पर्यावरण दिवस आयोजित करके नागरिकों को प्रदूषण की समस्या से अवगत कराने का निश्चय किया गया। तथा इसका मुख्य उद्देश्य पर्यावरण के प्रति जागरूकता लाते हुए राजनीतिक चेतना जागृत करना और आम जनत...