Skip to main content

इतिहास में भारत को क्यों माना जाता था विश्व गुरु कारण है ये? By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब विश्व गुरु – हम सभी ने भारत देश का इतिहास पढ़ा है और भारत माता की महिमा की गाथाये सुनी हुई है।इतिहास के पन्नो में भारत को विश्व गुरु यानी की विश्व को पढ़ाने वाला अथवा पूरी दुनिया का शिक्षक कहा जाता था, क्योंकि भारत देश की प्राचीन अर्थव्यवस्था, राजनीती और यहाँ के लोगोंका ज्ञान इतना सम्रद्ध थी कि पूरब से लेकर पश्चिम तक सभी देश भारत के कायल थे।भारत की सम्रद्धता और धन को देख कर विदेशी लोग इतने लालची हो गए थे कि उन्हें भारत पर आक्रमण करना पड़ा ताकि भारत के धन से अपने भूखे पेट भर सकें।लेकिन आज हम बात करने वाले है, भारत के विश्वगुरु होने की। हम सबने अक्सर नेताओं के भाषण में मुख्य रूप से मोदी जी के भाषण में, भारत को विश्वगुरु कहा जाता है। इसलिए आज हम आप सब के सामने इसी बात को सिद्ध करने वाले हैं कि भारत ही विश्व गुरु कहलाने योग्य है।१. योग :योग की शुरुआत भारत में ही हमारे प्राचीन ऋषि मुनिया द्वारा की गई थी। आज के दौर में बिभिन्न मानसिक और शारीरिक समस्याओं से निजात पाने के लिए मैडिटेशन एक-लौता ऐसा रास्ता है जिसे कोई भी अपना सकता है।आज पूरी दुनिया जानती है कि योग करने के कितने फायदे है और इसलिए 21 जून को विश्व योग दिवस मनाया जाता है।२. शल्य चिकित्सा (सर्जरी) :शल्य चिकित्सा का जन्म भी भारत में ही हुआ है। इस विज्ञान के अंतर्गत शरीर के अंगों की चीड-फाड़ की जाती है और उन्हें ठीक किया जाता है। शरीर को ठीक करने वाली इस विधि की शुरुआत सबसे पहले महर्षि सुश्रुत द्वारा की गई। बाद में इसे पश्चिमी देशो द्वारा अपनाया गया।३. शून्य (जीरो) :गणित के सबसे महत्वपूर्ण अंक शून्य का आविष्कार भी भारत में ही किया गया था। सबसे पहले महर्षि आर्यभट्ट ने ही इस दुनिया को शून्य के उपयोग के बारे में समझाया था।इसके अलावा वेदों से हमें 10 खरब तक की संख्याओं के बारे में पता चलता है। सम्राट अशोक के शिलालेखों से पता चलता है कि हमें संख्याओं का ज्ञान बहुत पहले से था।भास्कराचार्य की लीलाबती में लिखा हुआ है कि “जब किसी अंक में शून्य से भाग दिया जाता है तब उसका फलक्रम अनंत आता है।४. ज्योतिष शास्त्र:भारत ने ज्योतिष शास्त्र के रूप में दुनिया को एक अनोखी भेंट दी है। यह ज्योतिष की गणनाओं से ही पता चला है कि यह प्रथ्वी गोल है और इसके घूमने से ही दिन रात होते हैं।आर्यभट तो सूर्यग्रहण और चन्द्रग्रहण होने के कारण भी जानते थे। वेदों में तो इस अनंत दुनिया का भी वर्णन है और उड़न तश्तरी यानी UFO के बारे में भी बताया गया है।५. संस्कृत:संस्कृत भाषा को इस विश्व की सबसे प्राचीन भाषा माना जाता है। इस दुनिया में बोली जाने वाली कई भाषाएँ संस्कृत से प्रभावित हैं अथवा उन भाषाओं में संस्कृत के शब्द देखने को मिलते हैं।हमने अपने इतिहास के जरिये जाना की इन उपलब्धियों के कारण ही भारत को विश्वगुरु कहा जाता था। लेकिन अब हम बताने जा रहे हैं वह बात जो बर्तमान को देखते हुए बहुत महत्वपूर्ण है और वह है “भारत की उपलब्धियां जिनसे वह फिर से विश्व गुरु बनने लायक है”१. मंगलयान :साल २०१४ में पहले ही प्रयास में मंगलयान का मंगल गृह की कक्षा में पहुँच जाना बहुत बड़ी उपलब्धि है। जबकि दुसरे देशों को कई बार प्रयास करने पर ही सफलता मिली।जिससे पता चलता है कि भारतीयों का प्रौद्योगिकी ज्ञान पश्चिम से भी आगे हैं।२. जीएसएलबी मार्क 2:इस प्रोजेक्ट के सफल हो जाने से अब भारत सेटेलाईट लोंच करने के लिए दुसरे देशों पर निर्भर नहीं होगा।३. एकता और बिभिन्न धर्मों का उद्गम स्थान:भारत में बिभिन्न धर्म और संस्कृति के लोग होने के बावजूद भी सभी एक हैं। जो भारत को अतुल्य बनाती है।४. इंडियन आर्मी:भारतीय सेना विश्व की चार बड़ी सेनाओं में से एक है।५. अर्थव्यवस्था:भारत की अर्थव्यवस्था एशिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है।इन सब तथ्यों के अलावा हम जानते हैं कि भारतीय नागरिक विश्व के बिभिन्न देशों में अपने ज्ञान-विज्ञान की मदद से उन्हें सहायता दे रहे हैं, और सबसे ज्यादा भारतीय तो नासा में हैं। अतः निष्कर्ष निकालते हुए और इन सब बातों को देखते हुए कहा जा सकता है कि भारत एक बार फिर विश्व गुरु बनने के लिए तैयार है।

इतिहास में भारत को क्यों माना जाता था विश्व गुरु कारण है ये?

By समाजसेवी वनिता कासनियां पंजाब

विश्व गुरु – हम सभी ने भारत देश का इतिहास पढ़ा है और भारत माता की महिमा की गाथाये सुनी हुई है।

इतिहास के पन्नो में भारत को विश्व गुरु यानी की विश्व को पढ़ाने वाला अथवा पूरी दुनिया का शिक्षक कहा जाता था, क्योंकि भारत देश की प्राचीन अर्थव्यवस्था, राजनीती और यहाँ के लोगोंका ज्ञान इतना सम्रद्ध थी कि पूरब से लेकर पश्चिम तक सभी देश भारत के कायल थे।

भारत की सम्रद्धता और धन को देख कर विदेशी लोग इतने लालची हो गए थे कि उन्हें भारत पर आक्रमण करना पड़ा ताकि भारत के धन से अपने भूखे पेट भर सकें।

लेकिन आज हम बात करने वाले है, भारत के विश्वगुरु होने की। हम सबने अक्सर नेताओं के भाषण में मुख्य रूप से मोदी जी के भाषण में, भारत को विश्वगुरु कहा जाता है। इसलिए आज हम आप सब के सामने इसी बात को सिद्ध करने वाले हैं कि भारत ही विश्व गुरु कहलाने योग्य है।

१. योग :

योग की शुरुआत भारत में ही हमारे प्राचीन ऋषि मुनिया द्वारा की गई थी। आज के दौर में बिभिन्न मानसिक और शारीरिक समस्याओं से निजात पाने के लिए मैडिटेशन एक-लौता ऐसा रास्ता है जिसे कोई भी अपना सकता है।आज पूरी दुनिया जानती है कि योग करने के कितने फायदे है और इसलिए 21 जून को विश्व योग दिवस मनाया जाता है।

२. शल्य चिकित्सा (सर्जरी) :

शल्य चिकित्सा का जन्म भी भारत में ही हुआ है। इस विज्ञान के अंतर्गत शरीर के अंगों की चीड-फाड़ की जाती है और उन्हें ठीक किया जाता है। शरीर को ठीक करने वाली इस विधि की शुरुआत सबसे पहले महर्षि सुश्रुत द्वारा की गई। बाद में इसे पश्चिमी देशो द्वारा अपनाया गया।

३. शून्य (जीरो) :

गणित के सबसे महत्वपूर्ण अंक शून्य का आविष्कार भी भारत में ही किया गया था। सबसे पहले महर्षि आर्यभट्ट ने ही इस दुनिया को शून्य के उपयोग के बारे में समझाया था।इसके अलावा वेदों से हमें 10 खरब तक की संख्याओं के बारे में पता चलता है। सम्राट अशोक के शिलालेखों से पता चलता है कि हमें संख्याओं का ज्ञान बहुत पहले से था।भास्कराचार्य की लीलाबती में लिखा हुआ है कि “जब किसी अंक में शून्य से भाग दिया जाता है तब उसका फलक्रम अनंत आता है।

४. ज्योतिष शास्त्र:

भारत ने ज्योतिष शास्त्र के रूप में दुनिया को एक अनोखी भेंट दी है। यह ज्योतिष की गणनाओं से ही पता चला है कि यह प्रथ्वी गोल है और इसके घूमने से ही दिन रात होते हैं।आर्यभट तो सूर्यग्रहण और चन्द्रग्रहण होने के कारण भी जानते थे। वेदों में तो इस अनंत दुनिया का भी वर्णन है और उड़न तश्तरी यानी UFO के बारे में भी बताया गया है।

५. संस्कृत:

संस्कृत भाषा को इस विश्व की सबसे प्राचीन भाषा माना जाता है। इस दुनिया में बोली जाने वाली कई भाषाएँ संस्कृत से प्रभावित हैं अथवा उन भाषाओं में संस्कृत के शब्द देखने को मिलते हैं।

हमने अपने इतिहास के जरिये जाना की इन उपलब्धियों के कारण ही भारत को विश्वगुरु कहा जाता था। लेकिन अब हम बताने जा रहे हैं वह बात जो बर्तमान को देखते हुए बहुत महत्वपूर्ण है और वह है “भारत की उपलब्धियां जिनसे वह फिर से विश्व गुरु बनने लायक है”

१. मंगलयान :

साल २०१४ में पहले ही प्रयास में मंगलयान का मंगल गृह की कक्षा में पहुँच जाना बहुत बड़ी उपलब्धि है। जबकि दुसरे देशों को कई बार प्रयास करने पर ही सफलता मिली।जिससे पता चलता है कि भारतीयों का प्रौद्योगिकी ज्ञान पश्चिम से भी आगे हैं।

२. जीएसएलबी मार्क 2:

इस प्रोजेक्ट के सफल हो जाने से अब भारत सेटेलाईट लोंच करने के लिए दुसरे देशों पर निर्भर नहीं होगा।

३. एकता और बिभिन्न धर्मों का उद्गम स्थान:

भारत में बिभिन्न धर्म और संस्कृति के लोग होने के बावजूद भी सभी एक हैं। जो भारत को अतुल्य बनाती है।

४. इंडियन आर्मी:

भारतीय सेना विश्व की चार बड़ी सेनाओं में से एक है।

५. अर्थव्यवस्था:

भारत की अर्थव्यवस्था एशिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है।

इन सब तथ्यों के अलावा हम जानते हैं कि भारतीय नागरिक विश्व के बिभिन्न देशों में अपने ज्ञान-विज्ञान की मदद से उन्हें सहायता दे रहे हैं, और सबसे ज्यादा भारतीय तो नासा में हैं। अतः निष्कर्ष निकालते हुए और इन सब बातों को देखते हुए कहा जा सकता है कि भारत एक बार फिर विश्व गुरु बनने के लिए तैयार है।

Comments

Popular posts from this blog

ब्लॉगर (ज्ञान)बाल वनिता महिला वृद्ध आश्रम की अध्यक्ष श्रीमती वनिता कासनियां पंजाबसाहित्य सेवा सदनकिसी अन्य भाषा में पढ़ेंPDF डाउनलोड करेंध्यान रखेंसंपादित करेंयह लेख ब्लॉगर नामक चिट्ठाकारी सेवा के बारे में हैउपयोक्ता (व्यक्ति) के लिए, ब्लॉगर (उपयोक्ता) देखें यह लेख आज का आलेख के लिए निर्वाचित हुआ है। अधिक जानकारी हेतु क्लिक करें।ब्लॉगर (पूर्व नाम: ब्लॉगस्पॉट) एक चिट्ठा होस्टिंग सेवा है जो गूगल ब्लॉगर प्रोग्राम के द्वारा उपलब्ध कराई जाती है, व जिसके द्वारा ब्लॉगर्स अपने नए ब्लॉग शीघ्र ही बना सकते हैं। इसकी मदद से डोमेन नेम और होस्टिंग जब तक ब्लॉगर चाहे निःशुल्क उपलब्ध रहती है। गूगल के एडसेंस कार्यक्रम के द्वारा ब्लोगर्स अपने ब्लॉग से आय भी कर सकते हैं।[2] यह सुविधा अन्य चिट्ठाकारी कार्यक्रमों पर निर्भर नहीं होती। एक ब्लॉग किसी भी कार्य के लिए प्रयोग किया जा सकता है, चाहे वह निजी दैनंदिनी के रूप में हो या व्यावसायिक कार्य के लिए या सामान्य रूप में अपने विचार दूसरों तक पहुंचाने के लिए ब्लॉग्गिंग का ज्यादा उपयोग किया जाता है। ब्लॉगस्पॉट का आरंभ १९९९ में एक होस्टिंग टूल के रूप में पायरा लैब्स ने की थी। सन् २००३ में इसे गूगल ने खरीद लिया था, और तब से यह इंटरनेट पर सबसे प्रसिद्ध शुल्करहित होस्टिंग वेबसाइट बनी हुई है।ब्लॉगरब्लॉगर का प्रतिक चिन्हBlogger screen.pngब्लॉगर जालस्थल का मुखपृष्ठ (हिन्दी में), अभिगमन:२३ अप्रैल २०१०प्रकारब्लॉग होस्टइनमें उपलब्धअंग्रेज़ी , हिंदी , फ़ारसी और अन्य ५७मालिकगूगल इंका.निर्मातापायरा लैब्सजालस्थलwww.blogger.com Edit this at Wikidataएलेक्सा रैंक१९६ जनवरी २०१९व्यापारिक?हांपंजीकरणवैकल्पिक, निःशुल्कउद्घाटन तिथि२३ अगस्त १९९९[1]वर्तमान स्थितिसक्रियप्रयोगइस पर ब्लॉग निर्माण के लिए कोई जटिल सॉफ्टवेयर या तकनीकी जानकारी को डाउनलोड करना या उसका प्रयोग नहीं करना पड़ता। इस पर अपना ब्लॉग बनाने के लिए प्रयोक्ताओं को केवल गूगल पर अपना खाता बनाना पड़ता है। इस पर साइनअप के लिए प्रयोक्ता को एक अलग नाम रखना होता है जो उसके ब्लॉग का नाम होगा। यही नाम डोमेन नेम के रूप में भी प्रयोग होता है।[2] ब्लॉगस्पॉट पर अन्य कुछ ब्लॉगिंग सेवाओं जैसी सुविधाएं उपलब्ध नहीं होतीं, लेकिन इसके सर्वसाधारण टूल्स और अन्य सुविधाएं ब्लॉगिंग को अत्यंत सरल बना देती हैं। किन्तु इसका अर्थ ये नहीं है, कि ब्लॉगस्पॉट पर आधुनिक सुविधाएं नहीं हैं। अधिकांश उन्नत प्रयोक्ता अपने ब्लॉग में कई परिवर्तन ला सकते हैं, जिसमें अपना साँचा (टेम्प्लेट) डिजाइन करना और गूगल का जालस्थल विश्लेषण (वेबसाइट एनलाइजिंग) कार्यक्रम का प्रयोग करने तक की भी सुविधाएं हैं। गूगल पर कई हजार उपकरण (गैजेट) हैं जिनको ब्लॉग्स पर जोड़ा (अटैच किया) जा सकता है। इनकी मदद से ब्लॉगर बहुउपयोगी उपयोक्ता ब्लॉग तैयार कर सकते हैं, जिसकी मदद से कई ब्लॉगर एक ही ब्लॉग पर अपना योगदान दे सकते हैं।सीमाएंब्लॉगर ने सामग्री भंडारण एवं तरंगदैर्घ्य (बैंडविड्थ), प्रति उपयोक्ता खाते की सीमाएं नियत की हैं[3]:ब्लॉगस की संख्या = असीमितपृष्ठ का नाप = विशिष्ट पृष्ठ (ब्लॉग का मुखपृष्ठ या पुरालेख पृष्ठ) १ एम.बी. पर सीमित हैं।लेबल्स की संख्या = २,००० अपूर्व लेबल/ब्लॉग, २० अपूर्व लेबल/पोस्टचित्र संख्या (उपयोक्ता पिकासा जाल संग्रह से हाइपरलिंक्ड) = कुल भंडार के १ जी.बी तकचित्रों का नाप = यदि ब्लॉगर मोबाइल द्वाआ पोस्ट किया गया, तब २५० के.बी. प्रति चित्र; पोस्ट की हुए चित्र 800px पर परिसीमित किये जाते हैं।टीम सदस्य (जो एक ब्लॉग को लिख सकते हों) = १००१८ फ़रवरी २०१० को,[4] ब्लॉगर ने स्वतः-पृष्ठांकन "ऑटो-पेजिनेशन" आरंभ किया है, जिससे प्रति पृष्ठ प्रदर्शित पोस्ट सीमित हो गयी हैं। जिसके कारण मुखपृष्ठ पर पोस्टों की संख्या उपयोक्ता द्वारा बतायी गई संख्या से कम होती है और कुछ उपयोक्ता रुष्ट भी हुए हैं।[5][6]अवरुद्धब्लॉगर को समय-समय पर निम्न देशों में अवरुद्ध किया गया है:फीजीचीनईरानपाकिस्तान[7]सीरियाई अरब गणराज्यम्याँमारतुर्की (अक्तूबर, २००८ में चार दिनों के लिये)[8]इन्हें भी देखेंवर्डप्रेसब्लॉगजगतब्लॉगब्लॉगरब्लॉगवाणीब्लॉगरोलहिन्दी ब्लॉगिंगसंस्कृत ब्लॉगगूगलचिट्ठाजगत.इनसन्दर्भ↑ "द स्टोरी ऑफ ब्लॉगर, Blogger.com". मूल से 19 अप्रैल 2010 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 23 अप्रैल 2010.↑ अ आ ब्लॉगस्पॉट Archived 2010-04-27 at the Wayback Machine। हिन्दुस्तान लाईव। २२ अप्रैल २०१०↑ "व्हॉट आर द लिमिट्स ऑन माई ब्लॉगर अकाउण्ट?". मूल से 15 अप्रैल 2010 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि २१ दिसम्बर २००९.↑ Vardhman Jain, "Auto Pagination on Blogger Archived 2011-07-08 at the Wayback Machine", Blogger Buzz, February 18, 2010.↑ "Problem Rollup: Auto Pagination for blogs with Classic templates Archived 2010-02-27 at the Wayback Machine", Blogger Help Forum (retrieved March 1, 2010).↑ "Problem Rollup: Auto Pagination for blogs with Layouts templates", Blogger Help Forum (retrieved March 1, 2010).↑ "गूगल्स गेटकीपर्स". न्यू यॉर्क टाइम्स. २००८. मूल से 15 अप्रैल 2009 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि १ दिसम्बर २००८. Over the past couple of years, Google and its various applications have been blocked, to different degrees, by 24 countries. Blogger is blocked in Pakistan, for example, and Orkut in Saudi Arabia.↑ "Blogger.com बैन्न्ड इन टर्की". advox.globalvoices.org. 2008. मूल से 20 अक्तूबर 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2008-12-01. A Turkish court has blocked access to the popular blog hosting service Blogger (Blogger.com and Blogspot.com owned by Google), from Friday, October 24th, 2008." The ban was lifted on Tuesday, October 28th, 2008.साँचा:हिन्दी चिट्ठाजगत

ब्लॉगर (ज्ञान) बाल वनिता महिला वृद्ध आश्रम की अध्यक्ष श्रीमती वनिता कासनियां पंजाब साहित्य सेवा सदन किसी अन्य भाषा में पढ़ें PDF डाउनलोड करें ध्यान रखें संपादित करें यह लेख ब्लॉगर नामक चिट्ठाकारी सेवा के बारे में है उपयोक्ता (व्यक्ति) के लिए,  ब्लॉगर (उपयोक्ता)  देखें     ब्लॉगर  (पूर्व नाम:  ब्लॉगस्पॉट ) एक  चिट्ठा  होस्टिंग सेवा है जो गूगल ब्लॉगर प्रोग्राम के द्वारा उपलब्ध कराई जाती है, व जिसके द्वारा ब्लॉगर्स अपने नए ब्लॉग शीघ्र ही बना सकते हैं। इसकी मदद से डोमेन नेम और होस्टिंग जब तक ब्लॉगर चाहे निःशुल्क उपलब्ध रहती है। गूगल के एडसेंस कार्यक्रम के द्वारा ब्लोगर्स अपने ब्लॉग से आय भी कर सकते हैं। [2]  यह सुविधा अन्य चिट्ठाकारी कार्यक्रमों पर निर्भर नहीं होती। एक ब्लॉग किसी भी कार्य के लिए प्रयोग किया जा सकता है, चाहे वह निजी दैनंदिनी के रूप में हो या व्यावसायिक कार्य के लिए या सामान्य रूप में अपने विचार दूसरों तक पहुंचाने के लिए ब्लॉग्गिंग का ज्यादा उपयोग किया जाता है। ब्लॉगस्पॉट का आरंभ  १९९९  में एक होस्टिंग टूल के ...